NewDelhi : भारतीय समाचार पत्रों की सामग्री का इस्तेमाल करने के लिए गूगल को भुगतान करना होगा. खबर है कि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने गूगल से कहा है कि भारतीय अखबारों की सामग्री का उपयोग करने पर उन्हें भुगतान करना होगा. साथ ही कहा कि कंपनी विज्ञापन राजस्व में प्रकाशक की हिस्सेदारी बढ़ाकर 85 फीसदी करे.
आईएनएस के अध्यक्ष एल आदिमूलम ने गूगल को पत्र लिख कर कहा कि प्रकाशकों को अपारदर्शी विज्ञापन व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास गूगल की विज्ञापन मूल्य श्रृंखला का ब्योरा नहीं है. आईएनएस ने गूगल से भारतीय अखबारों में छपी खबरों के उपयोग को लेकर व्यापक रूप से क्षतिपूर्ति देने और विज्ञापन से प्राप्त आय के मामले में समुचित रूप से हिस्सा देने को कहा.
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विज्ञापन राजस्व में प्रकाशक की हिस्सेदारी बढ़ाकर 85 फीसदी करनी चाहिए
आईएनएस ने कहा कि गूगल को विज्ञापन राजस्व में प्रकाशक की हिस्सेदारी बढ़ाकर 85 फीसदी करनी चाहिए. गूगल द्वारा प्रकाशकों को मुहैया करायी जाने वाली राजस्व रिपोर्ट में ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए. कहा कि पिछले कुछ वर्षों से दुनिया भर के प्रकाशक विषयवस्तु के लिए उचित भुगतान और गूगल के साथ विज्ञापन राजस्व में उचित साझेदारी की मांग कर रहे हैं.
संस्था ने जानकारी दी कि हाल ही में गूगल ने फ्रांस, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया में प्रकाशकों को बेहतर भुगतान पर सहमति जताई है. आईएनएस के बयान के अनुसार, अखबार जो खबर प्रकाशित करते हैं, उस पर अच्छा-खासा खर्च आता है और यह वही भरोसेमंद खबरें हैं, जिसने गूगल को शुरुआत से ही विश्वसनीय बनाया.
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अखबार हजारों पत्रकारों को नियुक्त करते हैं, इसमें काफी खर्च होता है
जान लें कि देश में गूगल इंडिया के प्रबंधक संजय गुप्ता को लिखे गये पत्र में आईएनएस ने कहा, अखबरों के छपी खबरों के लिए गूगल को भुगतान करना चाहिए. अखबार हजारों पत्रकारों को नियुक्त करते हैं और उनके जरिये खबरें प्राप्त करते हैं और उसका सत्यापन करते हैं. इसमें काफी खर्च होता है.’
साथ ही आईएनएस ने फर्जी सूचना से निपटने के लिए पंजीकृत समाचार प्रकाशकों की संपादकीय विषय वस्तु को ज्यादा महत्व देने का भी मुद्दा उठाया. आईएनएस की ओर से यह बयान फेसबुक और गूगल द्वारा खबरों के इस्तेमाल को लेकर ऑस्ट्रेलिया में लाए गए एक कानून के बाद आया है.
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ऑस्ट्रेलिया की संसद ने न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड में संशोधन किया
बता दं कि ऑस्ट्रेलिया की संसद ने सोशल मीडिया पर समाचार साझा किये जाने के बदले बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा मीडिया संस्थानों को भुगतान संबंधी कानून में संशोधन पारित कर दिया है. इसके बाद डिजिटल क्षेत्र की बड़ी कंपनियों गूगल और फेसबुक को समाचार के लिए उचित भुगतान करना होगा.
ऑस्ट्रेलिया की संसद ने इस संबंध में गुरुवार को न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड में संशोधन पारित कर दिया. इस संबंध में ट्रेजरर जोश फ्रेडेनबर्ग और फेसबुक के कार्यकारी प्रमुख मार्क जुकरबर्ग के बीच मंगलवार को सहमति बनी थी.
पिछले सप्ताह इस कानून का प्रस्ताव आने के बाद फेसबुक ने तेवर दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया में समाचार साझा करने पर पाबंदी लगा दी थी. सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम से सरकार, मीडिया और शक्तिशाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच तकरार बढ़ गयी थी.