LagatarDesk : कोरोना काल में अगर किसी कंपनी को फायदा हुआ है, तो वो है फार्मा सेक्टर कंपनी. फार्मा कंपनी ने कोराना और लॉकडाउन में भी रिकॉर्ड कमाई की है. इसी बीच केयर रेटिंग एजेंसी की एक रिपोर्ट सामने आयी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू एंव अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोरोना वैक्सीन की मांग आने वाले तीन सालों में करीब 10 से 11 अरब यानी करीब 80 हजार करोड़ रुपये की होगी.
भारतीय कंपनियों को वैक्सीन के लिए मिलेंगे 250 रुपये
रेटिंग एजेंसी का यह भी अनुमान है कि भारतीय वैक्सीन मैन्युफैक्चरर को अमेरिकी कंपनियों की तरह अच्छी कीमत नहीं मिलेगी. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में एक वैक्सीन की कीमत 15 से 25 डॉलर के बीच होगी. जबकि भारतीय कंपनियों में कोरोना वैक्सीन की कीमत 3.25 डॉलर से 3.50 डॉलर यानी करीब 240-250 रुपये मिलने की उम्मीद है.
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हाउसहोल्ड डिमांड मार्च 2022 तक पूरी होने की उम्मीद
रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडियन वैक्सीन मैन्युफैक्चरर अगले तीन वर्षों में कम से कम 10-11 अरब अमेरिकी डॉलर की सप्लाई कर सकते हैं. इसमें हाउसहोल्ड और एक्सपोर्ट सप्लाई दोनों शामिल हैं. केयर रेटिंग एजेंसी के अनुसार, ज्यादातर हाउसहोल्ड डिमांड मार्च 2022 तक पूरी हो जायेगी.
इन देशों में निर्यात के अवसर पूरी तरह होंगे खत्म
रिपोर्ट में कहा गया कि चीन और जापान को छोड़कर एशिया और कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, अफ्रीका में निर्यात के अवसर बने रहेंगे. इस समय तक यूरोप, उत्तरी अमेरिका और विकसित एशियाई देशों जैसे उच्च आय वाले बाजारों में निर्यात के अवसर पूरी तरह खत्म होने का अनुमान है.
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फार्मा सेक्टर के पास 4.6 अरब डॉलर का मार्केट उपलब्ध
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल कोरोना वैक्सीन को लेकर इंडियन फार्मा कंपनियों के सामने करीब 4.6 अरब डॉलर का मार्केट उपलब्ध है. अगले साल निर्यात में छूट मिलने के कारण वैक्सीन का बाजार करीब 4.9 अरब डॉलर का हो जायेगा. 2023 में यह बाजार 1.6 अरब डॉलर का रह सकता है.
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