Ranchi: इंडियन रिपब्लिकन डेमोक्रेटिक काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल संतोष गंगवार से राजभवन में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से कहा कि हाल ही में, बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के पश्चात, वहां के अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार व हिंसा की घटनाओं में तेजी आई है, यह घटनाएं न केवल अमानवीय और संवैधानिक अधिकारों का हनन हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए खतरा भी उत्पन्न कर रही हैं. महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है, उनके धार्मिक स्थलों, संपत्तियों और जीवन के मौलिक अधिकारों पर भी हमला हो रहा है. यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और एक सभ्य समाज के मूल्यों के खिलाफ है. भारत एक लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों पर आधारित देश होने के नाते, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों व उनकी सुरक्षा के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाने का कर्तव्य रखता है. इस संबंध में, मैं आपका ध्यान निम्नलिखित बिंदुओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूं.
राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि यह ज्ञापन आप अपने स्तर से भी मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति को भेंजे, यह सराहनीय कदम है, देश की गंगा जमुनी तहजीब को इससे बल मिलेगा, जिसपर राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर ने कहा कि हम यह ज्ञापन को जरूर भेजेंगे. प्रतिनिधिमंडल ने काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अब्दुल्ला अजहर कासमी, कारी जान मोहम्मद मुस्तफी, मौलाना तौफीक कादरी, आलोक कुमार सिंह, मो इम्तियाज मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें – अब मीडिया में नहीं दूंगा बयान, बुरा लगता है तो लगे : डॉ इरफान
इन बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराया
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा न केवल उनके धार्मिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह मानवाधिकारों व अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है.
अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने की आवश्यकता है.
यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह पड़ोसी देशों में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले.
इस गंभीर विषय पर विचार करते हुए, राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री, को पत्र लिखें.
बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाने का अनुरोध करें, ताकि वहां रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ भारत एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज बुलंद करे.
इसे भी पढ़ें –पूर्व सीएम रघुवर दास 27 को लेंगे बीजेपी की सदस्यता!
[wpse_comments_template]