LagatarDesk : कोरोना महामारी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गयी है. संक्रमण और लॉकडाउन के कारण लोगों की जेब पर मार पड़ी. आर्थिक नुकसान की भरपाई और मेडिकल खर्चे के लिए लोगों ने भारी मात्रा में सोना बेचा. इस बात की जानकारी इंडिया बुलियन एंड जूलर्स असोसिएशन (IBJA) ने दी. IBJA के अनुसार, अप्रैल से जून 2021 के बीच लोगों ने 111.5 मीट्रिक टन सोना बेचा.
केवल गुजरात में बेचा गया 22 मीट्रिक टन सोना
IBJA के निदेशक हरेश आचार्य ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से लोगों की आय पर असर पड़ा. लोगों की नौकरी चली गयी. कारोबार ठप हो गया, जिससे उनकी आय पर सीधा असर पड़ा. ऐसे में अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कई लोगों ने सोना यानी ज्वैलरी बेच दी. इसमें सबसे टॉप पर गुजरात रहा. यहां 22 मीट्रिक टन यानी टोटल का करीब 20 फीसदी सोना बेचा गया.
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प्रॉफिट बुकिंग के लिए भी बेचा गया गोल्ड
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, सोने की बिक्री अनुमान से कहीं अधिक हुई. WGC के भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमासुंदरम पी आर ने कहा कि कई लोगों ने प्रॉफिट बुकिंग के लिए गोल्ड बेचा. वहीं कई लोगों ने अपनी जरूरत और मेडिकल खर्चे के कारण गोल्ड बेचा.
अप्रैल-जून में गोल्ड रिसाइक्लिंग 33 फीसदी बढ़ी
गोल्ड डिमांड ट्रेंड (GDT) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘कोविड की दूसरी लहर के कारण भारत के ग्रामीणों की आय भी प्रभावित हुई. ग्रामीण उपभोक्ताओं ने भी भारी मात्रा में गोल्ड बेचा. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच दूसरी लहर के दौरान गोल्ड रिसाइक्लिंग में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखने को मिली.
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दूसरी लहर के दौरान गोल्ड लोन भी हुई बढ़ोतरी
सोमासुंदरम ने बताया कि गोल्ड को बेचने के अलावा गोल्ड लोन में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली. गोल्ड के साथ लोगों की भावनाएं जुड़ी होती हैं. इसलिए कई लोगों ने बेचने की जगह गोल्ड लोन ले लिया. RBI ने भी वैल्यु रेशियो 90 प्रतिशत तक लोन को बढ़ा दिया था.