- मुख्यमंत्री ने कहा, उनका उद्देश्य सरकारी नौकरियों में झारखंड की स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देना नहीं बल्कि से पाठ्यक्रम में भी शामिल करना है
Ranchi : कोरोना महामारी पर काफी हद तक काबू पाने के बाद हेमंत सरकार रोजगार की दिशा में कदम बढ़ा दी है. बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में स्थानीय नीति पास कर राज्य के बेरोजगार छात्र-छात्राओं को नौकरी देने की अहम पहल हुई थी. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि विभिन्न महाविद्यालयों में सरकार 200 से अधिक पदों पर शीघ्र नियुक्ति करेगी. इन नियुक्तियों में संथाली, हो, कुरमाली, खोरठा, मुंडारी जैसी जनजाति भाषाओं को प्राथमिकता दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनका उद्देश्य सिर्फ सरकारी नौकरियों में झारखंड की समृद्ध स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देना नहीं है बल्कि इससे जुड़े पाठ्यक्रम को भी दिशा देकर सशक्त करना है.
मेरा उद्देश्य सिर्फ़ सरकारी नौकरियां में ही झारखण्ड की समृद्ध स्थानीय भाषा को प्राथमिकता देना नहीं है, बल्कि इससे जुड़े पाठ्यक्रम को भी दिशा देकर सशक्त करना है।
विभिन्न महाविद्यालयों में संथाली, हो, कुरमाली, खोरठा, मुण्डारी आदि भाषाओं पर 200 से अधिक पदों पर शीघ्र नियुक्ति होगी। pic.twitter.com/GlWi7LolD4— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 23, 2021
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सीएम ने सृजित पदों की जानकारी भी दी
सोशल मीडिया ट्विटर पर कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा में जनजाति भाषाओं (संथाली, कुड़ुख, हो, कुरमाली, मुंडारी) के सृजित पदों की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी है. विश्वविद्यालय ने अपने अंतर्गत महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक और स्नातकोत्तर विभाग में सहायक प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक और प्राध्यापक के सृजित पदों में जनजातीय भाषाओं को प्राथमिकता दी है.
विश्वविद्यालय के अंतर्गत 14 अंगीभूत महाविद्यालयों में कुड़ुख भाषा में 6, संथाली-हो-कुरमाली में क्रमशः 39-39-39, और मुंडारी में 12 का पद सृजित किया गया है. वहीं स्नातकोत्तर केंद्रों में संथाली, हो, कुरमाली और मुंडारी भाषा में 6-6 पद समेत कुल 24 शिक्षकों के पद सृजित किये गये हैं. यानि कोल्हान विवि में क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा के अंतर्गत कुल 159 शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव है. वहीं प्रधानाध्यापक, सह-प्रधानाध्यापक, सहायक प्रधानाध्यापक के लिए कुल 49 शैक्षणिक पदों का प्रस्ताव विनोबा भावे विश्वविद्यालय के लिए दिया गया है.
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