Ranchi: रांची के किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी भैरव सिंह को रांची पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. भैरव सिंह के अधिवक्ता अभय आनंद तिवारी के मुताबिक अदालत के द्वारा रांची पुलिस को 7 दिन की रिमांड की मंजूरी दी गई है. रिमांड के दौरान कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी है.
इसे भी पढ़ें –CM के काफिले पर हमले के मुख्य आरोपी भैरव सिंह ने किया सरेंडर, भेजा गया न्यायिक हिरासत में
भैरव सिंह का दिन में 2 बार मेडिकल जांच करानी है
रिमांड अवधि के दौरान आरोपी भैरव सिंह की दिन में दो बार मेडिकल जांच कराई जानी है. जब तक रिमांड की अवधि पूरी नहीं होती तब तक आरोपी के वकील और उसके परिजनों को आरोपी से मिलने से नहीं रोका जाना चाहिए. रिमांड की अवधि रोजाना सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक ही रहेगी. उम्मीद की जा रही है कि रांची पुलिस भैरव सिंह से कई बिंदुओं पर सवाल जवाब कर सकती हैं. पूछताछ के दौरान भैरव सिंह इस पूरे घटनाक्रम के पीछे के मास्टरमाइंड का नाम उगल सकता है.
इसे भी पढ़ें –सीएम का काफिला रोकने को लेकर डीजीपी सख़्त, कहा कई वरिष्ठ नेताओं से झारखंड पुलिस करेगी पूछताछ
भैरव सिंह ने गुरुवार को किया था सरेंडर
बता दें कि भैरव सिंह ने रांची सिविल कोर्ट में गुरुवार को सरेंडर किया था. जिसके बाद जज अभिषेक प्रसाद की अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. लेकिन इस बीच रांची पुलिस ने अभियुक्त को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था.
इसे भी पढ़ें –लालू के कथित जेल मैन्युअल उल्लंघन पर हाइकोर्ट ने जेल प्रबंधन से मांगी एसओपी
4 जनवरी को सीएम के काफिले में हुआ था हमला
किशोरगंज चौक पर चार जनवरी की शाम सीएम के काफिले को रोकने का प्रयास किया गया था. इस मामले को लेकर एएसआई सदानंद कुमार के बयान पर 72 नामजद समेत 50 अज्ञात महिला, पुरुष सुखदेव नगर थाना में मामला दर्ज हुआ है. इन सभी लोगों के खिलाफ धारा 147,148,149, 152, 153, 186, 189, 290, 323, 307, 353, 341, 342, 333, 504,269, 270, 120B आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ है. गौरतलब है कि 4 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन का काफिला झारखंड मंत्रालय से लौट रहा था. इसी दौरान किशोरगंज चौक के पास उपद्रवियों के झुंड ने सुनियोजित साजिश के तहत काफिले को निशाना बनाने की कोशिश की थी. हालांकि रांची पुलिस ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सीएम के काफिले को रूट डायवर्ट कर दिया था. और सीएम को सुरक्षित मुख्यमंत्री आवास पहुंचाया था. इस गंभीर घटना के कारणों की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया है.
इसे भी पढ़ें –क्या आपने व्हाट्सएप की नयी टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ा ?