Hazaribagh : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने हजारीबाग स्थित बड़कागांव के चर्चित ढेंगा और चिरुडीह गोलीकांड के पीड़ितों को सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने राज्य सरकार को ढाई-ढाई लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया.
सभी को छह माह के अंदर मुआवजा देने का निर्देश दिया गया और इसकी सूचना मानवाधिकार आयोग को देने को कहा गया. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मंटू सोनी की गई शिकायत पर सुनवाई हुई.
मानवाधिकार आयोग ने मंटू सोनी से पूरे घटनाक्रम को सुना और सभी की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने कानूनी पक्ष मानवाधिकार आयोग की टीम की टीम को विस्तार से बताया.
यह सुनवाई मंगलवार को धुर्वा स्थित ज्यूडिशियल अकादमी में हुई. राज्य सरकार की तरफ से गृह सचिव राजीव अरुण एक्का, अखिलेश झा और सीआईडी के एसपी कार्तिक एस मौजूद थे.
सुनवाई के दौरान ढेंगा और चिरुडीह गोलीकांड के पीड़ित मंटू सोनी, जुबैदा खातून, संतोष राम, संजय राम, श्रीचंद राम, सन्नी देवल कुमार आदि के साथ अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार और मुखिया इलियास अंसारी मौजूद रहे.
राज्य सरकार की तरफ से गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने मानवाधिकार आयोग को बताया कि पुलिस की तरफ से पीड़ितों पर दर्ज सभी मुकदमों की जांच राज्य सरकार की ओर से सीआईडी से कराने जाने की जानकारी दी. इस पर आयोग की टीम ने सहमति प्रदान की.
बड़कागांव के चर्चित ढेंगा और चिरुडीह गोलीकांड वर्ष 2016 में हुई थी. यह मामला पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी व पूर्व विधायक निर्मला देवी के कफन सत्याग्रह आंदोलन से जुड़ा हुआ है. इसमें पुलिस की गोली से चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी. करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.
इसे भी पढ़ें : हजारीबाग के तंत्र विद्या साधक सुरेश भंडारा के यहां इनकम टैक्स का छापा