Bermo: बोकारो जिले के पंचायतों में सौर ऊर्जा पर आधारित जलापूर्ति योजना में भारी अनियमितता बरती गई है. 14वें वित्त आयोग से प्रत्येक पंचायत में सौर ऊर्जा पर आधारित पेयजल आपूर्ति के लिए राशि आवंटित की गई थी. इस योजना में लाभुक समिति बनाकर काम को संपन्न कराना था. लेकिन मुखिया, पंचायत सचिव, अभियंता और बीडीओ ने मिलकर नियम विरुद्ध योजना का कार्यान्वयन किया और योजना में आधे से कम कीमत की सामग्री लगाई. योजना का भौतिक सत्यापन करने से भी राशि की लूट सामने आ जाएगी.
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ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) ने जांच का आदेश दिया
ये हाल किसी एक पंचायत का नहीं है. अमूमन राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह की शिकायत विभाग को मिली है. लिहाजा ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) ने जिले के सभी उप विकास आयुक्त-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद को पत्र भेजकर जांच का आदेश दिया है. इस संबंध में बोकारो के उप-विकास-आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने कहा कि, जांच के लिए पंचायती राज पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है. और शीघ्र ही जांच की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
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शिकायत के बाद निरीक्षण में अनियमितताएं उजागर
झारखण्ड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग पंचायत राज विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्र में कहा है कि, 14वें वित्त आयोग की राशि से क्रियान्वित सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजनाओं में अनियमितता की शिकायत मिल रही थी. विभाग द्वारा 14वें वित्त आयोग की राशि से क्रियान्वित सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजनाओं के निरीक्षण के क्रम में कई अनियमितताएं सामने आई हैं. जिसमें सामग्री के लिए राशि का भुगतान, लाभुक समिति के स्थान पर नियम विरुद्ध वेंडर से सामग्री की खरीद, एक योजना की पूर्ण अथवा आंशिक सामग्री का उपयोग दूसरी योजना में किया गया है. वेंडर या लाभुक समिति को अनुमान्य से ज्यादा भुगतान हुआ है. सामग्री की गारंटी नहीं दी गई है.
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भुगतान राशि की वसूली के साथ कार्रवाई का आदेश
योजना की वेटिंग पेयजल विभाग के अभियंता से नहीं कराई गई है. मस्टर रोल को संधारित एवं पारित नहीं किया गया है. साथ ही मजदूरी भुगतान का साक्ष्य भी नहीं है. योजना का क्रियान्वयन एवं सामग्री की गुणवत्ता प्राक्कलन के अनुरूप नहीं है. मापी पुस्तिका की प्रविष्टि अस्पष्ट है. इसे प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कार्यालय से निर्गत नहीं किया गया है. उन्होंने कहा है कि, जिले में 14वें वित्त आयोग की राशि के क्रियान्वित सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा की जाय तथा उपर्युक्त अनियमितताओं के लिए दोषी मुखिया, पंचायत सचिव, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अभियंता तथा लाभुक समिति के अध्यक्ष एवं वेंडर से अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली करते हुए आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई अथवा प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है.
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