- बीजेपी को नहीं पच रहा आदिवासी मुख्यमंत्री : इरफान अंसारी
- यूपी, बिहार, ओडिशा का आदमी सीएम बनता तो इन्हें मिलता सुकून
RANCHI: हेमंत सरकार में मंत्री पद नहीं मिलने का दर्द इरफान अंसारी की जुबान पर आ ही गया. कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने सदन के अंदर कहा कि मैंने और बादल पत्रलेख ने साथ राजनीति सीखी. फुरकान अंसारी हमारे राजनीतिक गुरु रहे. दुर्भाग्य इस बात का है कि बादल सरकार में मंत्री बन गये और मैं विधायक ही रह गया, लेकिन इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है. इसके बाद इरफान सरकार और मुख्यमंत्री की तारीफ के पुल बांधने में लग गये. उन्होंने कहा कि 18 साल तक बीजेपी ने राज्य में दोहन और शोषण किया. एक आदिवासी सीएम बना यह उन्हें पच नहीं रहा है. अगर यूपी, बिहार, ओडिशा का सीएम होता तो इन्हें सुकून मिलता.
इसे भी पढ़ें : पंजाब के CM के मुख्य सलाहकार बने प्रशांत किशोर, मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा
इरफान ने कहा, नेता प्रतिपक्ष की खाली कुर्सी देख होता है दुख
इरफान ने कहा कि जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने तब राज्य का खजाना खाली हो गया. हेमंत सरकार ने क्या पाप किया है कि केंद्र हमारा पैसा रोक दे रहा है. सदन में जनहित के मुद्दे पर बहस करने के डर से ये लोग सदन छोड़कर भाग गये. सत्ता पक्ष रोजगार, नौकरी और विकास की बात कर रहा है, लेकिन ये लोग नेता प्रतिपक्ष की बात कर रहे हैं. कहा कि सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष की खाली पड़ी कुर्सी को देखकर उन्हें दुख होता है. कृषि बिल पर भी उन्होंने बीजेपी पर हमला किया. कहा जब किसान खुश नहीं हैं तो क्या बीजेपी सरकार अडानी, अंबानी के लिए यह बिल लेकर आयी है.
बीजेपी ने किया सदन की कार्यवाही का वॉकआउट
झारखंड विधानसभा में नियोजन नीति पर हंगामा और बीजेपी के वॉक आउट के बाद भी सदन की कार्यवाही शाम 4.30 बजे तक चली. तीसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के विधायक नियोजन नीति को लेकर हंगामा करने लगे. विपक्षी सदस्य वेल में आ गये और सदन की कार्यवाही का वॉकआउट कर दोपहर 02.17 में बाहर निकल गये. सिर्फ बीजेपी के विधायक सीपी सिंह अपनी सीट पर बैठे थे. उन्होंने स्पीकर से कहा कि वे सदन में अपनी व्यथा रखना चाहते हैं. सीपी सिंह ने कहा कि बीजेपी के सद्स्यों ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताया है. झूठ एक असंसदीय भाषा है इसलिए झूठ शब्द का प्रयोग सदन के अंदर राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर न हो. झूठ के जगह असत्य का प्रयोग किया जाए.
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा
बीजेपी के वॉकआउट के बाद सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई. विधायक सरफराज अहमद, राजेश कच्छप, बैद्यनाथ राम, इरफान अंसारी, प्रदीप यादव, इरफान अंसारी, सरयू राय, विनोद सिंह और लंबोदर महतो ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखी. सत्ता पक्ष के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण को सरकार के कामकाज का आईना बताया. वहीं विनोद सिंह औऱ लंबोदर महतो ने राज्यपाल के अभिभाषण के कुछ बिंदुओं पर संशोधन प्रस्ताव लाया.
इसे भी पढ़ें : असम चुनाव में महगामा विधायक दीपिका को कांग्रेस ने दी अहम जिम्मेवारी