Jamshedpur (Mujtaba Haider Rizvi) : बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का टेंडर शेड्यूल आफ रेट के पेच में फंस गया है. सरकार जब निर्माण कार्य का नया शेड्यूल आफ रेट जारी करेगी तभी बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में बचे काम का नए सिरे से टेंडर हो सकेगा. तभी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का नया डीपीआर तैयार हो सकेगा.
इसके लिए विभाग अभी शेड्यूल आफ रेट जारी करने का इंतजार कर रहा है. इसका मतलब साफ है कि अभी बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के टेंडर के लिए और इंतजार करना होगा. इसके साथ ही योजना को धरातल पर उतारने में काफी समय लगेगा.
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नए शेड्यूल आफ रेट पर निकाली जाएगी लागत
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जब तक सरकार नया शेड्यूल आफ रेट जारी नहीं करती तब तक बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का रेट का पुनरीक्षण नहीं किया जा सकता. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर पुराने शेड्यूल आफ रेट पर बागबेड़ा जलापूर्ति योजना के बचे हुए काम का टेंडर जारी कर दिया जाएगा तो ठेकेदार काम नहीं कर पाएगा. क्योंकि वह लागत बेहद कम होगी. इधर बीच निर्माण सामग्रियों के दाम काफी बढ़ चुके हैं.
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सरकार की लापरवाही से पहले ही लेट हो चुकी है योजना
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना सरकार की लापरवाही की वजह से पहले ही काफी लेट हो चुकी है. योजना का शिलान्यास साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था. योजना को दिसंबर 2018 में पूरा हो जाना था. इसी योजना के साथ ही छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना का भी शिलान्यास हुआ थ। मगर, छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना बहुत पहले ही पूरी हो चुकी है. लेकिन, सरकार ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की तरफ ध्यान नहीं दिया. जमशेदपुर में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हैं. उन्होंने भी बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की तरफ ध्यान नहीं दिया. स्थानीय विधायक संजीव सरदार ने भी कोई ठोस पहल नहीं की. नतीजतन योजना अधर में लटक गई है. कार्यकारी एजेंसी आधा अधूरा काम कर निकल गई.