Jamshedpur (Ashok Kumar) : पूर्वी सिंहभूम जिले में ही बागबेड़ा थाना है. इसकी गिनती न तो शहरी में होती है और न ही ग्रामीण में बल्कि इसे अद्धशहरी क्षेत्र का नाम दिया गया है. शहर में और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नया भवन बनाने का काम चल रहा है. कई थाना में काम-काज भी शुरू कराया गया है, लेकिन बागबेड़ा थाना अभी तक मॉडल रूप नहीं ले सका है. फिलहाल यहां पर थाना भवन बनाने की किसी तरह की योजना विभागीय स्तर पर नहीं चल रही है. बागबेड़ा थाना आज जर्जर भवन में किसी तरह से चल रहा है.
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दो कमरे वाला है थाना
बागबेड़ा थाना की बात करें तो यह सिर्फ दो कमरे वाला ही है. इसमें से एक कमरा थाना प्रभारी की है और दूसरी मुंशीजी के लिये. इसके अलावा थाना परिसर में किसी तरह का कमरा नहीं है. हाल के दिनों में एक कमरा बनाया गया है जिसमें बैठकर अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और समाधान करने का भी प्रयास करते हैं.
बारिश में थाना भवन से टपकता है पानी
बागबेड़ा थाना भवन में ही एक बैरक की भी सुविधा दी गयी है. इस बैरक में तो बारिश के समय पानी टपकता है. ऐसे में थाना भवन में रह पाने में भारी परेशानी होती है. नाम के लिये थाना के बाहर रंग-रोगन कर दिया गया है, लेकिन भीतर में कुछ भी नहीं बदला है. सिर्फ बाहर से ही ताम-झाम है.
इंसपेक्टर थाना की है सुविधा
बागबेड़ा को अब इंसपेक्टर थाना बना दिया गया है. जब से इंसपेक्टर थाना का रूप इसे दिया गया है तब से अपने कार्यालय में थाना प्रभारी ने एसी लगा रखा है. ठीक इसी तरह से अब तो मुंशीजी के कार्यालय में भी एसी की सुविधा है. जिस कमरे में मुंशीजी बैठते हैं ठीक उसी कमरे में हिरासत में आये लोगों को रखा जाता है. उसी में ड्यूटी करने वाले एसआइ और एएसआइ भी बैठा करते हैं. ऐसे में उन्हें अपना काम-काज निबटाने में परेशानी होती है.
कांग्रेस नेता की रैयती जमीन पर है थाना भवन
बागबेड़ा का थाना भवन एक रैयती जमीन पर चल रहा है. इसे एक कांग्रेस नेता बदलेव सिंह अपनी बताते हैं. जब थाना के ठीक बगल में ही क्वार्टर बनाने का काम चल रहा था, तब नेता ने निर्माण कार्य में पेंच लगा दिया था और मामला कोर्ट तक पहुंचा था. उसके बाद से निर्माण कार्य पर पुलिस प्रशासन की ओर से रोक लगा दिया गया जो अब तक लंबित है.
निकट भविष्य में थाना भवन की योजना नहीं
बागबेड़ा थाना के लिये अभी तक जमीन का चयन नहीं किया गया है. इस कारण से विभाग की ओर से अभी तक थाना भवन के लिये किसी तरह का कार्य नहीं किया गया है. जमीन मिलने के बाद ही इस दिशा में विभाग की ओर से पहल की जायेगी. थाना से संपर्क करने पर पता चला कि अभी तक नये भवन के लिये किसी तरह का काम नहीं चल रहा है. थाना को मॉडल रूप नहीं दिये जाने से भारी परेशानी होती है.
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