- धौनी, कोहली, शाहरूख व अरुंधती मंधाना तक को लिखा पत्र
- ऑनलाइन गेम के एडिक्शन से सिर्फ जागरूकता ही बचा सकती है
Jamshedpur (Anand Mishra) : पांच से 10 वर्ष के बच्चों के लिए मोबाइल का उपयोग आधा घंटा अत्यधिक है. इससे अधिक एडिक्शन है. कंपनियों का तो उद्देश्य ही नई पीढ़ी को अपने जाल में फंसाना, उन्हें इसकी लत लगाना है. उक्त बातें आईटी डिलीवरी मैनेजर तथा कला उद्यमी श्रद्धा अग्रवाल ने कही. वह अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की झारखंड प्रांत स्तरीय ऑनलाइन बैठक में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार रख रही थीं. बैठक में ऑनलाइन गेम के दुष्परिणाम तथा उससे बचाव के उपायों पर चर्चा की गई. बैठक में ऑनलाइन गेम के कारण बच्चों व युवाओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनियों का उद्देश्य बच्चों का समय और डेटा खर्च कराना है. बच्चों को इस लत से बचाने के लिए पहले हमें स्वयम् में परिवर्तन लाना होगा, ताकि हम उनके समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर सकें. इसके लिए हमें भोजन और सोने के वक्त मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए.
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क्रिकेटर व हीरो-हीरोइन को पत्र
आयोजन समिति की उपाध्यक्ष एंजेल उपाध्याय ने एबीजीपी की ओर से विगत महीनों के दौरान किये गये कार्यों की चर्चा की. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेम्स हमारे बच्चों सहित देश का भविष्य खराब कर रहे हैं. इस विषय पर गंभीर चिंतन करते हुए ग्राहक पंचायत विगत तीन वर्षों से प्रयासरत है. संगठन के प्रयास से ही देश में पिछले दिनों 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म को प्रतिबंधित किया गया है. ऑनलाइन गेम्स को लेकर देशभर में जागरूकता अभियान के तहत एबीजीपी ने खिलाड़ियों तथा फिल्मी कलाकारों को भारत के सभी जिलों से विरोध पत्र भेजने की योजना बनायी और कइयों को भेजा भी है. इसमें महेद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, स्मृति मंधाना, ऋतिक रौशन, शाहरुख खान समेत अन्य शामिल हैं.
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केंद्रीय मंत्रियों से कड़े कानून बनाने का आग्रह
पत्र में उनसे कहा गया कि आपसे देश के युवा प्रेरित होते हैं. अतः नैतिकता को ध्यान में रखकर जुए खेलने, समय व पैसे बर्बाद करने वाले ऑनलाइन गेम्स को खेलने के लिए नई पीढ़ी को प्रेरित न करें. क्योंकि इसके दुष्परिणाम से सम्पूर्ण राष्ट्र का नुकसान हो रहा है. साथ ही साथ सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरिटी (सीसीपीए) को भी सभी प्रांतों व वहां के कार्यकर्ताओं की ओर से पत्र लिखा गया है कि ऑनलाइन गेम्स के क्षेत्र में, “ये गेम खेलो और करोड़पति बन जाओ” जैसे भ्रामक प्रचार करनेवालों पर भी कारवाई होनी चाहिए. साथ ही देश के सभी प्रांतों से भारत सरकार के तीन केंद्रीय मंत्रियों, “उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी”, “वाणिज्य एवम् उद्योग मंत्री पीयूष गोयल” तथा “विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल” को भी ऑनलाइन गेम्स के बढ़ते दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इसके विरुद्ध कड़े कानून बनाने का आग्रह किया गया है.
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सीनियर सिटीजन की सुविधा के लिए आरटीआई की योजना
बताया गया कि केंद्र की ओर से एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन बनाकर सभी प्रांतों को भेजा गया है. उसे भी स्कूल, कॉलेजों और स्टूडेंट्स क्लब के माध्यम से छात्रों को दिखाया जा रहा है. प्रांत सचिव डॉ कल्याणी कबीर ने आगामी कार्यक्रमों के अंतर्गत जुलाई महीने में, कोरोना काल से बंद पड़े वरिष्ठ नागरिकों के आरक्षण पर रेलवे को आरटीआई दिये जाने की योजना की जानकारी दी. प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ एवम् कोडरमा जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रमन कुमार ने कहा कि सिर्फ़ जागरूकता ही इस डिजिटल एडिक्शन से बचने का उपाय है. इसके अलावा हम सभी को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि एडिक्शन प्रारंभ ही न हो. बैठक में विभिन्न जिलों के 60 लोगों ने सहभागिता दर्ज करायी, जिनमें शिक्षक, चिकित्सक, उद्यमी, विद्यार्थी, अधिवक्ता, रिटायर्ड अधिकारी, कोचिंग संचालक, एनजीओ संचालक व अन्य शामिल थे.