Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर के सैरात बाजार की दुकानों की खरीद बिक्री की जांच के लिए डीसी विजया जाधव ने चार सदस्यीय जांच कमिटी गठित की है. कमिटी में भूमि सुधार उप समाहर्ता रवींद्र गागराई को अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार, जमशेदपुर अंचल के अंचलाधिकारी अमित श्रीवास्तव एवं टाटा स्टील की ओर से नामित एक व्यक्ति को सदस्य मनोनीत किया गया है. कमिटी को विस्तृत जांच रिपोर्ट संयुक्त मंतव्य के साथ 15 दिनों में सौंपने का निर्देश दिया. डीसी ने उक्त जांच कमिटी राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश पर गठित की. ज्ञात हो कि बाल मजगूर मुक्ति सेवा संस्थान ने जमशेदपुर के 10 सैरात बाजार (बारीडीह, साकची, कदमा, सोनारी, धातकीडीह, बिष्टुपुर, सिदगोड़ा, बर्मामाइंस, कालीमाटी तथा गोलमुरी) की दुकानों को नियमों का उल्लंघन कर खरीद बिक्री किए जाने की शिकायत राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से की गई थी. शिकायत के बाद विभाग के अवर सचिव ने इस संबंध में डीसी को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच कराने तथा रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : खाना पकाते 8वीं की छात्रा जली
टाटा स्टील का सैरात बाजार से खत्म हो चुका है स्वामित्व
जमशेदपुर की सैरात बाजार से टाटा स्टील का स्वामित्व खत्म हो चुका है अब शहर की सभी बाजारों की देखभाल, रखरखाव एवं किराया वसुली जिला प्रशासन (जेएनएसी) कर रहा है. पूर्व में निर्धारित किराया को लेकर काफी विवाद हुआ. जिसके कारण इसे तत्काल प्रभाव से स्थागित किया गया है. उपायुक्त ने किराया निर्धारण के लिए एक कमिटी का गठन किया था. कमिटी ने व्यापारी प्रतिनिधियों से इस संबंध में सुझाव मांगा. उक्त कमिटी को सैरात बाजार की गाईड-लाईन के अनुसार अभिलेखों का अवलोकन एवं फिल्ड सर्वे के आधार पर तुलनात्मक रूप से विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया था. हालांकि बाद में कमिटी के गठन पर व्यापारी प्रतिनिधियों ने सवाल खड़े किए. कमिटी में कुछ बाहरी लोगों को शामिल कए जाने की बात कही गई. जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ. जेजे ईरानी पंचतत्व में विलीन
खरीद-बिक्री के साथ रजिस्ट्री भी की गई
सैरात बाजार की दुकानों की खरीब बिक्री किए जाने की शिकायत बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान की ओर से डीसी समेत राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से की गई थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सैरात बाजार की जमीन-दुकान की धड़ल्ले से खरीद-बिक्री की गई हैं. यही नहीं उक्त जमीन की रजिस्ट्री भी सब रजिस्ट्रार के द्वारा की गई है. लीज की जमीन टाटा स्टील लैंड विभाग की ओर से लीज धारकों को सस्ते दाम पर रहने एवं कारोबार के लिए दिया गया था. लेकिन उन जमीनों की खरीद-बिक्री लाखों, करोड़ो रुपये में की गई. जिससे सरकार का राजस्व का भारी नुकसान हुआ. उन्होंने उपायुक्त सहित सरकार के आला अधिकारियों से इस मामले की गहराई से छानबीन कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : डॉ ईरानी ने टाटा कंपनी के साथ-साथ शहर के विकास में योगदान दिया- रघुवर
एग्रीमेंट पर कई दुकानें खरीदी-बेची गई
बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुख्य संयोजक सदन कुमार ठाकुर के अनुसार सैरात बाजार एवं टाटा लीज एरिया की अधिकांश जमीनों की खरीद-बिक्री एग्रीमेंट (नोटरी पब्लिक) के आधार पर की गई. हैरत करने वाली बात यह है कि उक्त आधार पर खरीदी गई जमीन अथवा दुकानों की सब रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री भी कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों के विपरीत जाकर उक्त सारे कारनामे किए गए हैं. जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है. उन्होंने उक्त मामले की गहराई से छानबीन कराकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर : सूरज हत्याकांड – आर्म्स उपलब्ध कराने के आरोपी जितेंद्र पासवान को पुलिस ने भेजा जेल