Jamshedpur (Sunil Pandey) : उपायुक्त विजया जाधव ने बृहस्पतिवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की. इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायी जाए. साथ ही फर्जी एमबीबीएस की डिग्री लेकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा. इस दौरान जिले में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने के लिए 26-30 मई तक सघन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. इस दौरान कुपोषित या अति कुपोषित बच्चे के पाए जाने पर उसे एमटीसी में भर्ती करने अथवा कम्यूनिटी इलाज शुरु करने के लिए कहा.इस दौरान सभी एमटीसी में बेड ऑक्यूपेंसी बढ़ाने तथा ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को आयुष्मान योजना से जोड़ने का निर्देश दिया गया. इसके लिए 15 जून तक का समय दिया गया.
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लापरवाही बरतने वाले ममता वाहन संचालक नपेंगे
बैठक के दौरान डुमरिया की सीडीपीओ ने ममता वाहन संचालकों की मनमानी की शिकायत उपायुक्त से की. उपायुक्त ने बैठक के दौरान ही डुमरिया के बीपीएम से ममता वाहन संचालक को फोन करने के लिए कहा. लेकिन संचालक ने फोन नहीं उठाया. इसे गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि आम जनता का फोन रिसिव नहीं करने वाले संचालकों को अविलंब हटाकर दूसरे संचालक को रखा जाय. वही स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स एजेंसी को 75 प्रतिशत स्थानीय को नौकरी में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया. सीएचसी डुमरिया के जर्जर भवन को कंडम घोषित करते हुए भवन निर्माण विभाग को एक सप्ताह के भीतर भवन ढहाने का निदेश दिया गया. सीएचसी धालभूमगढ़ एवं सीएचसी पोटका के मरम्मतीकरण हेतु प्रस्ताव बढ़ाने की बात कही गई.
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अल्ट्रासाउंड सेंटर की नियमित जांच का निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा. इसके लिए कार्यपालक दंडाधिकारियों को नियमित रुप से अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच करने का निर्देश दिया. साथ ही जिले की महिलाओं से अपील की कि वे कन्या भ्रूण की जांच नहीं कराएं तथा उसकी हत्या नहीं कराएं.दूसरे राज्यों में पीसीपीएनडीटी एक्ट का अनुपालन कैसे बेहतर तरीके से किया जा रहा इसका भी स्टडी करने का निदेश दिया गया. जिले में झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं करने पायें इसके लिए सभी अंचलाधिकारी को औचक जांच करने का निदेश दिया गया तथा क्लिनिकल एस्टाब्लीस्मेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा.बैठक मेंसिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नेहा संजना खलखो, स्वास्थ्य विभागीय जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी, एमओआईसी, सीडीपीओ, डीपीसी, डीपीएम, डीडीएम, बीपीएम तथा कार्यपालक दण्डाधिकारी आदि उपस्थित थे.
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