Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : टाटा स्टील के पूर्व एमडी पद्मभूषण डॉ जेजे ईरानी का अंतिम संस्कार मंगलवार की दोपहर लगभग 1.30 बजे पार्वती घाट पर किया गया. इस मौके पर उनका पत्नी डेजी ईरानी, बेटी जुबीन, नीलोफर और बेटा तनाज के साथ ही टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, रुचि नरेंद्रन सहित टाटा स्टील के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. वहीं डॉ ईरानी को श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व सांसद प्रदीप बलमुचू, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी, जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडे, चैंबर के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका सहित अन्य लोग पहुंचे थे. 31 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे टीएमएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर कॉरपोरेट जगत में शोक की लहर है. डॉ ईरानी 86 वर्ष के थे.
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शहर की बड़ी हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
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इससे पूर्व उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके बेल्डीह स्थित आवास पर रखा था. वहां सभी बड़ी हस्तियों ने उनके दर्शन कर श्रद्धांजलि दी. स्वर्गीय ईरानी अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. डॉ ईरानी ने आर्थिक उदारीकरण के दौर में भारत का नेतृत्व किया. उन्हें एक दूरदर्शी लीडर के रूप में याद किया जाएगा. डॉ ईरानी ने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग की उन्नति और विकास में एक नये अध्याय की शुरुआत की. डॉ ईरानी भारत में गुणवत्ता आंदोलन के पहले लीडर थे. उन्होंने टाटा स्टील को गुणवत्ता और ग्राहकों की संतुष्टि पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दुनिया में सबसे कम लागत वाला स्टील उत्पादक बनने में सक्षम बनाया. जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सके. प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज परफॉर्मेंस एक्सीलेंस मानदंड से अपनाए गए कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए 2003 में टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड शुरू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
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डॉ. जेजे ईरानी एक परिचय
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डॉ. जेजे ईरानी का जन्म 2 जून 1936 को नागपुर में हुआ था. उन्होंने 1956 में साइंस कॉलेज, नागपुर से विज्ञान स्नातक की डिग्री और 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भू-विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली. उन्होंने 1960 में धातुकर्म (मेटलर्जी) में परास्नातक और 1963 में धातुकर्म में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. वे 1963 में शेफील्ड में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन में शामिल हुए.
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1968 में टाटा स्टील में दिया योगदान
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उन्हें वहां भौतिक धातुकर्म प्रभाग के प्रमुख के रूप में पदोन्नत किया गया. बाद में वे भारत लौट आए और अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को, अब टाटा स्टील) में शामिल हो गए. उन्हें 1978 में महाप्रबंधक, 1985 में अध्यक्ष, 1992 में प्रबंध निदेशक और 1998 में निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया. वे 2001 में टाटा स्टील से सेवानिवृत्त हुए.
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1993 में टाटा मोटर्स बोर्ड में हुए शामिल
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वह जून 1993 में टाटा मोटर्स के बोर्ड में शामिल हुए और टाटा संस के निदेशक के रूप में भी काम किया. 2004 में, सरकार ने उन्हें भारत के नए कंपनी अधिनियम के गठन के लिए विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया. वह 2011 में टाटा कंपनियों के सभी पदों से सेवानिवृत्त हुए. वे भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी रहे. 2007 में भारत सरकार द्वारा डॉ जेजे ईरानी को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. उन्हें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग का इंटरनेशनल फेलो नियुक्त किया गया था.