Jamshedpur : रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा युद्ध ने भारतीय उत्पादों को रूसी बाजार में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराने का एक बड़ा अवसर प्रदान किया है. क्योंकि यूके, यूएसए और यूरोपीय संघ के देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने से इन देशों से रूस को सामान की आपूर्ति बंद कर दी है. जिसके कारण रूस के व्यापारी जरूरत की आवश्यक बस्तूओं की आपूर्ति के लिए भारतीय व्यापारियों से संपर्क स्थापित किया है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा की देश के व्यापारी इस अवसर को पूरा करने के लिए तैयार हैं. यह मौका भारतीय छोटे निर्माताओं और व्यापारियों के लिए निर्यात करने का एक बड़ा अवसर लेकर आया है. कई रूसी व्यापारिक घरानों ने आपूर्तिकर्ताओं का पता लगाने के लिए कैट से सहायता के लिए संपर्क किया है. कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि कैट ने अपनी राज्य इकाइयों के माध्यम से विभिन्न छोटे निर्माताओं, वितरकों और व्यापारियों की पहचान की है जो रूस से मिली पहली सूची के अनुसार रूसी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं. व्यापारियों की प्रतिक्रिया उत्साहजनक है और विनिर्माण ईकाइयां और व्यापारी रूस को माल की आपूर्ति करने के लिए अधिक इच्छुक हैं. आवश्यकताओं के विवरण, इसके ट्रांसपोर्टेशन, भुगतान और अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा रही है और उम्मीद है कि बहुत जल्द इसकी संरचना पूरी हो जाएगी.
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4 मई को सभी राज्यों के व्यापारियों की दिल्ली में बैठक
कैट ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी राज्यों के व्यापारी नेताओं की एक बैठक 4 मई को नई दिल्ली में बुलाई है. सोन्थालिया ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए रूस भारतीय निर्यात के लिए एक बड़ा बाजार हो सकता है. एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता सामान, पैक खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पाद, शाकाहारी खाद्य पदार्थ, रेडीमेड वस्त्र, जूते, खिलौने, कपड़ा, दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए ऑटो स्पेयर पार्ट्स, ऑटोमोबाइल पार्ट्स लुब्रिकेंट ऑयल, मोटर ऑयल, उपकरण, मशीनरी उत्पाद, कंप्यूटर और इसके परिधीय, कंप्यूटर स्टेशनरी, अन्य स्टेशनरी आइटम, कागज और विभिन्न अन्य वस्तुएं रूस को निर्यात की सबसे पसंदीदा वस्तु हो सकती हैं. हालांकि, बड़े ब्रांडों के बजाय, भारत में छोटे उभरते ब्रांड सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुणवत्ता वाले सामानों की आपूर्ति के लिए एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं.
शॉर्ट और लॉन्ग टर्म रणनीति पर विचार की जरूरत
कैट के वाइस चेयरमैन बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापार के लिए दो तरह की रणनीति शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म को अपनाने की जरूरत है. अल्पकालिक नीति के तहत, तत्काल आवश्यकता की वस्तुओं को वरीयता दी जानी चाहिए. स्थायी आधार के लिए रूस में भारतीय उत्पादों की आपूर्ति के लिए अन्य वस्तुओं की पहचान की जा सकती है. जिनका रूस में अच्छा बाजार हो सकता है. अल्पावधि बहुत आवश्यक है क्योंकि दैनिक उपयोग की वस्तुओं, उपभोग्य सामग्रियों, खाद्य पदार्थों आदि के लिए और आपूर्ति के अभाव में निकट भविष्य में कमी हो सकती है और इसलिए उन वस्तुओं को तुरंत तेज करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि रूस को भी भारत को रियायती मूल्य पर कच्चे तेल की आपूर्ति करने पर भी विचार करना चाहिए. हालांकि यह दोनों की सरकारों को तय करना है.