Jamshedpur (Sunil Pandey) : झारखण्ड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने झारंखंड आंदोलनकारी निर्मल महतो को शहीद का दर्जा देने की मांग की. साथ ही झाखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने तथा उन्हें मान-सम्मान देने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कहा. मोर्चा के संयोजक हरमोहन महतो ने बताया कि झारखण्ड अलग राज्य का निर्माण हुए 22 वर्ष से ज्यादा हो गए. वहीं झारखण्ड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग का गठन का 12 वर्ष हो गया. लेकिन निर्मल महतो को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया. जबकि उनकी शहादत का 36 वां वर्ष बीत गया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुण्डा, ने झारखण्ड आंदोलनकारी चिहिन्तीकरण आयोग को शहीदों को चयनित करने का जो दिशा-निर्देश दिया हैं. इसके लिए वर्तमान सरकार केबिनट में पास करके उसे झारखण्ड विधान सभा का मानसून सत्र में संशोधन प्रस्ताव लाकर निर्मल महतो के साथ-साथ झारखण्ड क्षेत्र के तमाम आंदोलनकारियों को जिनकी आंदोलन के दरम्यान हत्या हुई है, उन्हें शहीदों का दर्जा प्रदान करें.
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मोर्चा की प्रमुख मांगें
आंदोलनकारी चिहिन्तीकरण आयोग द्वारा चयनित आंदोलनकारी को अविलम्ब प्रमाण पत्र दिया जाये, छूटे हुए आंदोलनकारियों को चयनित करने के लिए झारखण्ड प्रत्येक जिले में कैम्प लगाया जाये, जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी आंदोलनकारियों को समान रूप से मान-सम्मान, नियोजन, सम्मान राशि, आंदोलकारियों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा, आंदोलनकारियों को पहचान पत्र, पेंशन, प्रतीक चिन्हन एवं ताम्र पत्र प्रदान किया जाय.
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