Jamshedpur (Anand Mishra) : स्नातक की डिग्री हासिल करना केवल एक पड़ाव है. यहाँ से नयी शुरुआत होती है. यह बात जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य सह अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो मोसमी पॉल ने कही. वह शनिवार को कॉलेज के हिंदी विभाग की ओर से सत्र 2020-23 के स्नातक प्रतिष्ठा उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए आयोजित विदाई समारोह को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कबीर को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय,’ यानी जीवन में लक्ष्य निर्धारण करना और उसके लिए धैर्य के साथ कर्म करते हुए निरंतर प्रयासरत रहना जरूरी है. जीवन इंस्टेंट कॉफी नहीं है, अतः कुछ भी जल्दबाजी में न करें.
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कॉलेज में जल्द शुरू होगी हिंदी में पीजी : प्रो पुरुषोत्तम प्रसाद
कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो पुरुषोत्तम प्रसाद ने कहा कि आज जूनियर्स सीनियर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे शिक्षा के क्षेत्र में और ऊंचाई हासिल करें. दरअसल यह विदाई नहीं, बल्कि वर्गांतरण है. एलबीएसएम कॉलेज में स्नातकोत्तर हिंदी की पढ़ाई शुरू होने वाली है. अब विद्यार्थी यहां से हिंदी में एमए कर सकते हैं. समारोह का संचालन तिलकेश कुमार गोप और नैन्सी एक्का ने किया. इससे पूर्व मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित व पुष्प अर्पित कर समारोह की शुरुआत की गयी. छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किये. उत्तीर्ण विद्यार्थियों की ओर से डिंस्टिक्शन मार्क्स पाने वाली बासोरी सरदार ने अपने विचार रखे.
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करियर की दृष्टि से हिंदी में उच्चतर शिक्षा ग्रहण करें : डॉ मित्रा
पूजा बास्के ने जूनियर्स की ओर से अपने उद्गार व्यक्त किया. भवानी महाकुड़ ने कविता पढ़ी. छात्राओं ने नृत्य भी प्रस्तुत किये. अनुज पूर्ति, जमुना सोरेन, सुनीता माहली, अर्चना बारला, निकीता तिग्गा, काजल हेम्ब्रम, राज लक्ष्मी मांझी समेत अन्य छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही. इस अवसर पर वाणिज्य विभाग के डॉ डीके मित्रा ने कहा कि विद्यार्थी बहुत कुछ कर सकते हैं. उन्हें कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए. उन्हें करियर की दृष्टि से हिंदी में उच्चतर अध्ययन को लक्ष्य बनाना चाहिए. बांग्ला विभाग की अध्यक्ष डॉ संचिता भुईसेन ने कहा कि जूनियर्स द्वारा सीनियर्स की सम्मानजनक विदाई एक परंपरा बन रही है, यह अच्छी बात है. दर्शनशास्त्र के डॉ दीपंजय श्रीवास्तव ने छात्रों को खुद को पहचानने और अपना नाम रोशन करने का सुझाव दिया.
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जितना परिश्रम करेंगे, उतनी सफलता मिलेगी : डॉ पीके गुप्ता
गणित विभागाध्यक्ष डॉ पीके गुप्ता ने कहा कि बीए के बाद करियर के बहुत से रास्ते खुलते हैं. विद्यार्थी जितना परिश्रम करेंगे, उन्हें उतनी सफलता मिलेगी. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि विदाई समारोह को सम्मान समारोह कहा जाए. वाणिज्य विभाग के डॉ विनोद कुमार ने कहा कि हिंदी विभाग के विद्यार्थियों में बहुत जान है. भूगोल विभाग के डॉ संतोष कुमार ने अध्ययन पर एकाग्र होने और रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो अरविंद पंडित ने नॉलेज, स्किल और एटिट्यूड पर ध्यान देने का सुझाव दिया. हिंदी विभाग के डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि विदाई कभी भी संबंध विच्छेद नहीं होती, बल्कि कॉलेज में गुजारे गए दिन हमारी स्मृतियों के अनिवार्य हिस्से होते हैं. उनका हमारे जीवन और व्यक्तित्व पर प्रभाव होता है. उन्होंने रामदरश मिश्र, मंगलेश डबराल, गोरख पाडेय और योगेंद्र कृष्ण की कविताओं की चर्चा करते हुए धैर्य, लगन और संवेदनशीलता जैसे गुणों की ओर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट कराया. उन्होंने ईशावस्य उपनिषद के श्लोक को उद्धृत करते हुए सत्य के संधान पर जोर दिया.
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इस अवसर पर भौतिकी विभाग की सुस्मिता धारा, वनस्पति शास्त्र विभाग की डॉ जया कच्छप, दर्शन शास्त्र विभाग के प्रो संतोष राम, मनोविज्ञान विभाग के डॉ प्रशांत व प्रो प्रमिला किस्कू, वाणिज्य विभाग की डॉ रानी, अर्थशास्त्र विभाग की डॉ सलोनी रंजने, इतिहास विभाग के मोहन साहू व डॉ नुपूर राय समेत कॉलेज के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.विदाई वक्तव्य नैन्सी एक्का ने प्रस्तुत किया. राष्ट्रगान के साथ समारोह संपन्न हुआ.