Jamshedpur (Sunil Pandey) : जीवन में आप पर झूठे आरोप लगे तो अपने आपको सही साबित करें, भगवान श्रीकृष्ण ने भी यही किया था. भगवान श्रीकृष्ण ने सोलह हजार एक सौ आठ (16,108) विवाह किये थे, फिर भी उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं हुई. ये बातें जुगसलाई स्थित श्री राजस्थान शिव मंदिर परिसर में संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन गुरूवार को व्यास पीठ से जीवन प्रबंधन गुरू एवं प्रसिद्ध हनुमान भक्त पंडित विजयशंकर मेहता ने कही. उन्होंने कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के अन्य विवाह, राजसूय यज्ञ एवं सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों की व्याख्या करते हुए आगे कहा कि तन, मन और धन तीनों से मनुष्य को सक्षम होना चाहिए. भगवान कभी नहीं कहते कि धन मत कमाइये. सक्षम होने के लिए धन कमाएं, लेकिन ईमानदारी से. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी एकांत में हो तो क्रोध, कर्कश वाणी ओर अहंकार इन तीन बातों को कक्ष से बाहर कर दें. उन्होंने सालों बाद सुदामा और श्री कृष्ण की मिलन की कथा को विस्तार से सुनाते हुए कहा कि भक्त बनिए, एक न एक दिन भगवान जरूर आपकी सेवा करने आ जाएंगे.
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दंपति को अहंकार नहीं करना चाहिए
पंडित मेहता ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण हमें भी बता रहे हैं कि पति-पत्नी को एक-दूसरे पर अहंकार नहीं करना चाहिए. छठे दिन गुरूवार को भी पूजा के मुख्य यजमान बीणा-जयराम चौधरी थे. आज की कथा में समाजसेवी ओमप्रकाश रिंगसिया, सुरेश सोंथालिया, सांवरमल अग्रवाल, बीएन शर्मा, दीपक पारिक आदि शामिल हुए और पंडित मेहता जी से आशीर्वाद लिया. चौधरी परिवार द्धारा सभी गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया. आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया. आज की कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में श्रोतागण शामिल हुए. इससे पहले सुबह 11 से दोपहर 12.30 बजे तक पंडित विजय शंकर मेहता जी द्धारा श्री हनुमान चालीसा से मेंडिटेशन कोर्स कराया गया.
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