Jamshedpur (Ratan Singh) : आदिवासी उरांव समाज द्वारा रविवार को भुइयांडीह के बाबुडीह स्थित शमशान घाट में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए हड़बोड़ा का आयोजन किया गया. प्रत्येक वर्ष उरांव समाज द्वारा इसका आयोजन पौष कृष्ण पक्ष में किया जाता है. इसमें समाज के महिला-पुरुष, बच्चे व बच्चियां अपने-अपने घर से पकवान बनाकर शमशान घाट ले जाते है. उसके उपरांत अपने-अपने पूर्वजों के स्थल पर धूप, अगरबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते है. उसके बाद घर से बने पकवान को भी अर्पित किया जाता है. उरांव समाज की मान्यता के अनुसार पूर्वजों की कृपादृष्टि के कारण ही आज सभी लोग अपना जीवन यापन इस श्रृष्टि में कर पा रहे है. उन सभी को धन्यवाद देने हेतु प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. समाज के द्वारा उपस्थित सभी लोगों के लिए खिचड़ी का प्रबंध किया गया था.
कार्यक्रम में यह थे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व डीडीसी परमेश्वर भगत, रविन्द्र प्रसाद, राकेश उरांव, गंगाराम तिर्की, रामू तिर्की, सवना लकड़ा, बुधराम खलखो, प्रकाश कोया, गणेश कुजूर, उपेन्द्र बानरा, बूम समद, शंभू मुखी, लालमोहन जामुदा, अनूप टोप्पो, बिन्दु पाहन, सोमा कोया, नंदलाल पातर, कृष्णा सांडिल, हराधन नाग, जुगल बारहा, किशोर लकड़ा, बबलू खलखो, करमु टोप्पो, बहादुर कच्छप, खुद्दु उरांव, तोता खलखो, छिदुराम कोया, चैतन्य लियांगी, मनोज मेलगंडी, राजेन कुजूर, कमल कोया, सुरीन मिंज समेत अन्य लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा.