Jamshedpur (Ashok Kumar) : पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्थापना दिवस पर रांची आकर शहीद बिरसा मुंडा के गांव उलीहातू और खूंटी जाना संभव हो रहा है तो रांची में झारखंड स्थापना दिवस में शामिल नहीं होना जरूर किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है. ऐसा लगता है कि शिबू-हेमंत सोरेन स्थापना दिवस की श्रेय को आदिवासी महिला राष्ट्रपति के साथ बांटना नहीं चाहते हैं. अन्यथा पूर्व घोषित कार्यक्रम के उलट अचानक राष्ट्रपति के स्थापना दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन रांची में शामिल नहीं होना या नहीं होने देना दुर्भाग्यपूर्ण है. चिंताजनक है. इसके लिए हेमंत सोरेन सरकार दोषी प्रतीत होता है. यह घटना अब एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बन जाती है तथा यह आदिवासी महिला राष्ट्रपति को अपमानित करने जैसा है. सोरेन सरकार को जनता को इसका जवाब देना नैतिक दायित्व बनता है.
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ममता बनर्जी को भी बताया आदिवासी विरोधी
दूसरी तरफ ममता बनर्जी भी आदिवासी विरोधी प्रतीत होती है. क्योंकि उनका एक मंत्री अखिल गिरी ने महामहिम राष्ट्रपति को कुरूप बता कर अपमानित किया है. जबतक मंत्री को बर्खास्त और गिरफ्तार नहीं किया जाता है आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता 5 प्रदेशों में 15 नवंबर 2022 तक उक्त मंत्री का पुतला दहन जारी रखेंगे. सोरेन परिवार के पतन के बगैर आदिवासी और झारखंड का उत्थान असंभव है. उनपर लग रहे आरोप स्वतः प्रमाणित हो जाते हैं. सोरेन परिवार के क्रियाकलाप अबतक आदिवासी विरोधी साबित हो चुके हैं.
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