Jamshedpur (Ashok kumar) : जमशेदपुर में एसएसपी के रूप में तीन साल से भी ज्यादा का कार्यकाल पूरा करने वाले डॉ. एम तमिल वाणन का अंततः प्रोमोशन सीआइडी डीआइजी के रूप में रांची में कर दिया गया है. अपने कार्यकाल में 32 लाख रुपये की लूट का मामला नहीं सुलझे पाने का मलाल उन्हें रह गया है. बातचीत में उन्होंने बताया कि जमशेदपुर का कार्यकाल उनके लिये अच्छा रहा. सिर्फ 32 लाख लूट और 10 लाख रुपये की ठगी के मामले को छोड़कर. इस बीच जो भी बड़ी घटनायें घटी उसकी गुत्थी सुलझा लिया गया. 32 लाख की लूट की घटना के बाद व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा जरूर खोल दिया था, लेकिन उनकी कार्यशैली को देखते हुये वे भी पीछे हट गये थे. 8 जून 2022 को सिदगोड़ा में मनप्रीत पाल सिंह के घर में घुसकर गोली मारकर की गयी हत्या की घटना के बाद सिख समाज के लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा जरूर खोल दिया था, लेकिन पुलिस ने भी चार दिनों के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसके बाद समाज के लोग पीछे हट गये थे.
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अभियान चलाकर अड्डेबाजों पर लगाया लगाम
एसएसपी के रूप में डॉ. एम तमिल वाणन ने बिष्टुपुर में हुई 32 लाख की लूट के मामले में लगाम लगाने के लिये सबसे पहले अड्डेबाजों के खिलाफ अभियान चलाने के बाद उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने का काम किया. इसके लिये सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी से लेकर सभी अधिकारियों को सड़क पर उतार दिया गया था. एक माह तक लगातार अभियान चलाये जाने से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लग गया था.
ब्लू प्रिंट तैयार कर किया गया था काम
एसएसपी ने अपने स्तर से ब्लू प्रिंट तैयार कर शहर के बदमाशों पर नकेल कसने का काम किया. यह अभियान बिल्कुल ही अलग तरह से चलाया गया था. दिन में पुलिस अड्डेबाजों और भीड़-भाड़ वाले इलाके की टोह लेती थी और सूरज ढलने के पहले पुलिस फोर्स को वहां पर लगा दिया जाता था. इसके बाद हुड़दंगियों को पकड़कर थाने पर लाया जा रहा था. इस बीच उनके परिवारवालों को बुलाकर उनसे लिखित लेने के बाद ही छोड़ने का काम किया जा रहा था.
कैसे हुई थी लूट और 10 लाख की ठगी
बिष्टुपुर केनरा बैंक में छगनलाल दयालजी ज्वेलर्स के कर्मचारी से 14 फरवरी की सुबह 10.35 बजे 32 लाख रुपये की लूट मामले में पांच माह के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. ज्वेलर्स के दो कर्मचारी रुपये जमा करने के लिये केनरा बैंक के गेट से अभी घुसे ही थे कि बदमाशों ने दबोच लिया और मारपीट कर रुपये से भरा बैग छिनकर फरार हो गये थे. इसके लिये टीम बनाकर झारखंड, बिहार, बंगाल और ओड़िशा में छापेमारी के लिये भेजी गयी थी. साकची बसंत सिनेमा गोलचक्कर के पास 18 फरवरी की शाम 6 बजे बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिसवाला बनकर 10 लाख का सोना ठग लिया था.
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