Ashok kumar
Jamshedpur : परसुडीह थाना क्षेत्र के बड़ा गदड़ा भुमिज टोला में 60 वर्षीय प्रफुल्ल महतो की हत्या की गवाही घटनास्थल ही दे रहा था. घर के भीतर और बाहर खून के धब्बे ही सबकुछ बोल रहे थे. घर के भीतर जहां चुल्हा के पास खून देखा गया वहीं दरवाजे के बाहर बांस पर और जमीन पर जगह-जगह पर खून के धब्बे देखे गये. प्रफुल्ल की हत्या कितनी बेरहमी से की गयी उसके घर पर जाते ही इसका आभास होता है.
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परिवार के लोगों ने आरोपी का नहीं किया समर्थन
घटना के बाद आरोपी लाल सरदार के परिवार के लोगों ने भी पुलिस के समक्ष समर्थन नहीं किया. परिवार के लोग लाल को कमरे में बंद करके रखे हुए थे. इसकी जानकारी किसी को भी नहीं थी कि प्रफुल्ल महतो की मौत हो गयी है. बस्ती के लोग सोच रहे थे वह घर के भीतर घायलावस्था में पड़ा हुआ है. पुलिस के आने के बाद यह जानकारी मिली कि प्रफुल्ल की मौत हो गयी है. आरोपी लाल के परिवार के लोग चाहते तो उसे भगा भी सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया. पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया.
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नशे का आदि है आरोपी
आरोपी के बारे में बस्ती के लोगों ने बताया कि वह नशे का आदि है. उम्र 40 साल है, लेकिन सुबह और शाम को शराब के नशे में रहता है. नशा करने के बाद ही वह अपने पड़ोसियों से झगड़ा भी करता है. अगर कोई उसके खिलाफ बोलता था तब वह उसके साथ गाली-गलौज करने के बाद मारपीट भी करता था. इस बात का खुलासा खुद बस्ती के लोगों ने किया है.
बिन विवाद के दिया घटना को अंजाम
लाल भुमिज की प्रफुल्ल महतो के साथ पहले से किसी तरह का विवाद ही नहीं था. वे मात्र एक माह से ही तो यहां पर रह रहे थे. परसुडीह थानेदार बिमल किंडो का कहना है कि बिन विवाद के ही घटना को अंजाम दिया गया है. बेटा संजय महतो नाइट शिफ्ट की ड्यूटी करके सुबह घर पर आया था. तब पिता खाना पका रहे थे. इस कारण से वह कमरे में जाकर सो गया था. सुबह 8 बजे के बाद उसे पिता के साथ काम पर भी जाना था. प्रफुल्ल की पत्नी और संजय के परिवार के लोग बेलपहाड़ी (बंगाल) में रहते हैं.
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