Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों के संपूर्ण विकास पर सभी दलों को एक साथ चिंतन करने की जरूरत है. उक्त बातें पूर्व विधायक एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने संवाददाता से बात करते हुए कही. उन्होंने सबसे पहले विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समुदाय के लोगों को शुभकामनाएं दी. इसके उपरांत कहा कि झारखंड के गठन के 23 वर्ष बाद भी प्रदेश के आदिवासी मूलवासी मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाएं. जबकि राज्य में सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय से ही लोग मुख्यमंत्री रहे. इसके लिए किसी एक को दोषी नहीं करार दिया जा सकता है. आज प्रदेश के आदिवासी मूलवासी की आदिवासियत को बनाए रखने के साथ उनका विकास कैसे हो, उन्हें मुख्यधारा से कैसे जोड़ा जाए यह हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके लिए सामूहिक रुप से प्रयास किए जाने की जरूरत है.
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राज्य में महिलाएं असुरक्षित
प्रदेश में जो नीतियां बनी है उससे आदिवासियों का विकास नहीं हो पाया है. आज सरकार की नियुक्ति नीति को देख लीजिए इससे आदिवासियों को कोई लाभ नहीं होने वाला है. सरकार को चाहिए आदिवासियों की आवश्यकता के अनुरूप योजनाएं बनाएं ताकि सही मायने में आदिवासियों का विकास हो पाए. वर्तमान में राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री है लेकिन आकड़े बताते है कि इन चार वर्षों में आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है तथा उनका धर्म परिवर्तन हुआ है. आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी युवाओं का पलायन नहीं रूक रहा है. आदिवासियों की आदिवासियत बचाने के लिए हम सभी को चिंतन करना जरूरी है.