Ranchi : झारखंड में बिजली की खपत और डिमांड को पूरा करने के लिए जेबीवीएनएल सेंट्रल एक्सचेंज की तीन कंपनियों के साथ पीपीए (पावर परचेज एक्सचेंज) करेगा. सीएमडी अविनाश कुमार और डायरेक्टर कॉर्मिशियल मनीष कुमार, निदेशक वितरण और प्रोजेक्ट केके वर्मा के निर्देश के बाद जीएम रिषिनंदन इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. जानकारी के अनुसार, इस महीने के अंत तक पीपीए को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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गर्मी में बढ़ जाती है डिमांड, बुकिंग करने पर महंगी मिलती है बिजली
गर्मी में बिजली की खपत बढ़ जाती है. ऐसे में लोड शेडिंग होने लगता है. इसी संकट को देखते हुए आनन-फानन में इंडिया एनर्जी पावर एक्सचेंज से बुकिंग करके बिजली लेनी पड़ती है. मगर बिजली की उपलब्धता की स्थिति के अनुसार जेबीवीएनएल को अचानक बिजली खरीद की दर महंगी पड़ती है. 10 रूपया प्रति यूनिट तक दर हो जाती है. सामान्य दिनों में यही बिजली औसतन 5-7 रूपया तक मिलती है. मगर ऑन डिमांड पर दर बढ़ जाती है. इसे देखते हुए जेबीवीएनएल ने गर्मी में डिमांड के अनुसार स्थाई तौर पर पीपीए करके ही बिजली खरीदी का निर्णय ले लिया है.
400 यूनिट तक बढ़ जाती है खपत
सामान्य दिनों में डीवीसी कमांड एरिया को लेकर बिजली की डिमांड 2000 से 2200 मेगवाट तक रहती है. मगर गर्मी में खासकर पीक ऑवर में यह बढ़कर 2500 से 2800 मेगावाट तक पहुंच जाती है. यानि कि 400-500 मेगवाट का अंतर हो जाता है. इससे बिजली संकट उत्पन्न हो जाता है और लोड शेडिंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है.
अभी तत्कालीन व्यवस्था के तहत ली जा रही है ऊंचे दर पर अतिरिक्त बिजली
वर्तमान में उत्पन्न संकट में तत्कालीन व्यवस्था के तहत इंडियन एनर्जी पावर एक्सचेंज से करीब 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही है. जिसमें प्रतिदिन करीब 2 करोड़ रूपये का खर्च आ रहा है. जबकि जेबीएनएएल का विभिन्न कंपनियों के साथ हुए समझौते के आधार पर यह सवा तीन से रूपए से पांच रूपए के बीच औसतन पड़ता है. इसलिए सीएमडी, निदेशक केके वर्मा के निर्देश के बाद स्थाई तौर पर मांग के अनुसार, बिजली खरीदने के लिए पीपीए करने का निर्णय लिया गया है. निर्देश के बाद डिमांड और खपत पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसके बाद सेंट्रल पावर एक्सचेंज की कंपनियां डीवीसी, एनटीपीसी और सेकी से पीपीए किया जाएगा.
इस बारे में जेबीवीएनएल वितरण और प्रोजेक्ट निदेशक केके वर्मा ने बताया कि सीएम के निर्देश के बाद डिमांड और खपत पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है. गर्मी में डिमांड के अनुरूप बिजली की मांग को पूरी करने के लिए पीपीए किया जाएगा. ताकि ऊंचे दर पर बिजली न खरीदना पड़े. तत्काल बिजली खरीदी पर अनेक तरह की तकनीकी समस्या होती है. इसलिए सरकार इसके स्थाई हल की ओर बढ़ रही है. जल्द ही पीपीए कर लिया जाएगा.
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