Ranchi : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन सदन में झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने और उनके मानदेय और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की मांग उठी. आजसू विधायक सुदेश महतो के सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया गया है. लेकिन झारखंड सरकार के पास झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रा सेनानी का दर्जा देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है.
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झारखंड आंदोलनकारियों के मानदेय में थोड़ी वृद्धि हुई है
आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के मानदेय में थोड़ी वृद्धि हुई है. जिन्हें 3000 मानदेय मिल रहा था उनका 3,500 और जिन्हें 5000 दिया जा रहा था उन्हें 5500 हजार मानदेय दिया जा रहा है. सुदेश महतो ने कहा कि या दुर्भाग्य है कि राज्य की लड़ाई लड़ने वाला दल उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने का अब तक फैसला नहीं ले सकी है.
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झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग को वित्तीय अधिकार भी नहीं दिया गया
विधायक मथुरा महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलन के समय जो जेल गया. उसे ही नहीं बल्कि जो लोग आंदोलन में थे उन्हें भी झारखंड आंदोलनकारी का दर्जा दिया जाये. सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग को वित्तीय अधिकार भी नहीं दिया गया है. अब तक सिर्फ 5000 लोगों को चिन्हित किया गया है जबकि 60,000 से अधिक आवेदन लंबित हैं.
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आयोग के पास वित्तीय अधिकार और संसाधन नहीं
विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि आयोग के पास वित्तीय अधिकार और संसाधन नहीं है. उसको मजबूत कराया जाये, दीपक बिरूवा ने कहा कि चिन्हितकरण आयोग को मरियल जैसा कर दिया गया है. 3000 और 5000 मानदेय नहीं सम्मान देना ज्यादा जरूरी है. पुरानी सरकार के लोग झारखंड आंदोलन में शामिल नहीं थे इसलिए उन्होंने ऐसा कर दिया.
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