Ranchi : झारखंड विधानसभा में ग्रामीण विकास विभाग का वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 8051 करोड़ रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया. विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सुझावों पर अमल करते हुए सभी कमियों को दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान मनरेगा में 1042 लाख मानव दिवस का सृजन कर राज्य ने रिकार्ड बनाया है. कोरोना के दौरान लॉकडाउन में जब दूसरे प्रदेशों से मजदूर लौटे, तो उन्हें मनरेगा से ही रोजगार मिला. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में मनरेगा मजदूरों को 290 रुपये से 300 रुपये तक मजदूरी मिलती है, लेकिन अबतक राज्य में किसी सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी के बारे में नहीं सोचा. हेमंत सरकार ने मनरेगा मजदूरी 198 रुपये से बढ़ाकर 225 रुपये कर दिया है.
तीन साल में तीन पुल तक नहीं मिला – इरफान
वहीं बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने अपनी ही सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार का तीसरा बजट आ चुका है, लेकिन तीन सालों में विधायकों को तीन पुल तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में विधायकों को 30 किमी सड़क प्रति वर्ष मिलता था, लेकिन इस सरकार में इसे घटा कर 6 किमी किया गया. वह 6 किलोमीटर सड़क भी विधायकों को नहीं मिल रहा है. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि यदि पिछली सरकार में उन्हें हर वर्ष 30 किमी सड़क मिली है, तो पांच वर्षों में 150 किमी सड़क मिली होगी. उनमें हिम्मत है तो सदन के पटल पर उस लिस्ट को रखें, तब हम मान लेंगे कि उनकी बात में सच्चाई है.
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10 परसेंट में ही टेंडर डालने का नियम लागू हो – उमाशंकर
कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि शहर में चमचमाती सड़कें हैं, लेकिन गांव की सड़कों का बुरा हाल है. पहले टेंडर में 10 प्रतिशत लिया जाता था, अब 30 प्रतिशत का नियम आ गया है. उन्होंने कहा कि 10 फीसदी में ही टेंडर डाला जाए, तभी विकास में तेजी आयेगी. उन्होंने कहा कि 2010 में जब वे विधायक बने थे, तब बरही विधानसभा क्षेत्र में 125 किलोमीटर सड़क बनवायी थी, लेकिन 2014 में जब वे हारे तो एक भी सड़क वहां नहीं बनी. मनरेगा में गड़बड़ी पर उन्होंने कहा कि मनरेगा में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा दोषी बीपीओ है.
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झारखंड में न्याय पंचायत का गठन किया जाए – बिनोद सिंह
माले विधायक बिनोद सिंह ने कहा कि 2 साल पहले गांव के विकास के लिए मैपिंग-प्लानिंग की बात की गई थी. लेकिन दो साल में उस दिशा में कुछ नहीं हुआ. वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना में 3.5 लाख लोग छूट गये हैं. विधायक ने कहा कि देश के 8 राज्यों में न्याय पंचायत है. झारखंड में भी न्याय पंचायत का गठन होना चाहिए, तभी गांवों का विकास होगा.
PMAY में एक लाख से अधिक योग्य लाभुकों का नाम काटा गया – लंबोदर
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि मनरेगा में 15 दिन के अंदर भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन झारखंड में नवंबर से ही भुगतान के मद में अरबों रुपये बाकी है. सिर्फ बोकारो जिले में भुगतान के लिए 14 करोड़ 69 लाख रुपये बाकी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 1 लाख से ज्यादा योग्य लाभुकों का नाम हटाया गया है. विभागीय पदाधिकारियों की गलती से नाम हटा है. इसकी जांच करा कर योग्य लाभुकों को जोड़ा जाए.
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