Ranchi: देशभर में कोयला उपलब्ध कराने वाला झारखंड उर्जा की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये तेजी से अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है. अगले 5 सालों में 4000 मेगा वाट बिजली सौर ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य झारखंड सरकार ने रखा है. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के काम कर रहा है. इसके लिये झारखंड राज्य सोलर पावर पॉलिसी 2022 लाया गया है. जिसकी अधिसूचना मार्च 2022 में जारी की गयी है.
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2023-24 तक DISCOM सौर बिजली की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 12.5% करना है
राज्य में अक्षय उर्जा को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह नीति तैयार की. यह नीति पिछली झारखंड राज्य सौर ऊर्जा नीति 2015 का स्थान लेती है. इस नीति का उद्देश्य झारखंड में बिजली वितरण करनेवाली कंपनियों को वर्ष 2023-24 तक कुल बिजली आपूर्ति की 12.5 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से लेनी होगी. फिर इसे क्रमश: बढ़ाना होगा. सरकार ने नीति में कई सोलर पावर पार्क स्थापित करने, ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर सिस्टम और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम तैयार करने की बात झारखंड राज्य सौर ऊर्जा नीति 2022 में कहा गया है.
1000 मॉडल सौर गांवों को विकसित करने की है योजना
नीति के तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और आजीविका को सशक्त बनाने के लिए सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देगी. इसका उद्देश्य बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिये सौरकरण पर अपनी निर्भरता सुनिश्चित करना है. योजना के तहत मॉडल सौर गांवों में मिनी और माइक्रो ग्रिड स्थापित किया जाना है. जहां से ग्रिड तक बिजली पहुंचेगी. साथ ही ऊर्जा संचालित बिजली और गैर-बिजली आधारित आजीविका के माध्यमों जैसे कृषि उपज के सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड को बढ़ावा देना है.
साल दर साल के लिए लक्ष्य निर्धारित
सरकार ने पांच हजार मेगावाट के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए साल दर साल का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत वर्ष 2022 में 483 मेगावाट, वर्ष 2023 में 807 मेगावाट, 24 में 1075 मेगावाट, 25 में 1600 मेगावाट व 2026 में 1035 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट विभिन्न स्रोतों से लगाये जायेंगे. इसमें 1800 मेगावाट सोलर पार्क, 1200 मेगावाट नन सोलर पार्क, 800 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट और 200 मेगावाट कैनल टॉप सोलर प्लांट स्थापित किये जायेंगे. वहीं 250 मेगावाट रूफटॉप, 220 मेगावाट कैप्टिव सोलर प्लांट, 250 मेगावाट सोलर एग्रीकल्चर और 110 मेगावाट मिनी और माइक्रो ग्रिड स्थापित किये जायेंगे.
सौर ऊर्जा आधारित इ-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी होंगे
नीति में सौर ऊर्जा आधारित इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने का भी प्रावधान किया गया है. इसके तहत रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट, सोलर पार्क, कैप्टिव सोलर प्लांट लगाकर चार्जिंग स्टेशन बनाये जा सकते हैं. जहां निर्धारित शुल्क लेकर ई-व्हीकल को चार्ज किया जा सकता है.
नीति के तहत किसानों को भी मिलेगी सहायता
आवासीय और खेती की जरूरतों के लिए ग्रामीण अपनी जरूरत को पूरा करने के साथ बची हुई बिजली ग्रिड में भी भेज सकेंगे. इन कामों को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से सब्सिडी देने की बात कही गई है.
सौर संयंत्र के लिये भूमि व स्थान की पहचान एजेंसी करेगी
नीति में सरकारी भूमि, निजी भूमि,बांधों और नहरों सहित जल निकायों पर सौर संयंत्र स्थापित करने की बात कही गई है. इसके लिए सरकार के स्तर पर सरकारी और निजी भूमि की पहचान करने के लिए आवश्यक कदम जाने हैं. सौर ऊर्जा संयंत्रों को लगाने के लिए भूमि सरकार की ओर से उपलब्ध कराना है. इस नीति के प्रावधानों के अनुसार, सरकारी भूमि, निजी भूमि और नहरों की पहचान कर डाटा एकत्र करने का काम झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेआरईडीए) करेगी.
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