Ranchi : झारखंड विधानसभा के बाद लोकसभा में DMF यानी डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का मुद्दा उठा. लोकसभा में सांसद संजय सेठ ने डीएमएफ का मुद्दा उठाया. जिस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि 2021 तक झारखंड में को डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड में 6355 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. इसमें 5169 करोड़ का आवंटन हुआ, जबकि 2983 करोड़ रुपए की निधि का उपयोग किया गया.
धनबाद को मिले 1633 करोड़ रुपए
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य में DMF की सबसे अधिक राशि धनबाद को मिली है, जबकि सबसे कम राशि गढ़वा को मिली है. धनबाद को जहां 1633 करोड़ रुपए मिले, वहीं गढ़वा को 1.85 करोड़ रुपए मिले. राजधानी रांची को इस मद में 93.31 करोड़ रुपए मिले हैं.
कोरोना काल में DMF की 30% राशि खर्च
राज्य में कोरोना काल में भी DMF का उपयोग हुआ है. इलाज, जांच और दूसरे चिकित्सकीय कार्यों के लिए DMF की 30% राशि के उपयोग की इजाजत दी गयी थी. इस मद में 15 मार्च 2021 तक 519.85 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
संजय सेठ ने लोकसभा में उठाया मैक्लुस्कीगंज का मामला
लोकसभा में सांसद संजय सेठ ने रांची के मैक्लुस्कीगंज का मामला उठाते हुए कहा कि यह खनन प्रभावित क्षेत्र में आता है, लेकिन वर्तमान समय में इसकी स्थिति बहुत खराब है. खनन प्रभावित क्षेत्र में होने के कारण इनके विकास की योजनाएं अब तक नहीं बन पायी. सरकार जल्द इसके विकास की योजना बनाये. इसके जवाब में प्रहलाद जोशी ने बताया कि यह काम DMF के द्वारा हो सकता है.
DMF की राशि खर्च करने का पहले नहीं था अधिकार
इससे पहले विधानसभा सत्र के आखरी दिन अपने समापन भाषण में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अब विधायक भी विकास कार्यों के लिए डीएमएफ की राशि खर्च कर सकेंगे. अब तक विधायकों को डीएमएफ के पैसों को खर्च करने का अधिकार नहीं था. जिस कारण विधायक विकास कार्यों में इसका उपयोग नहीं कर पाते थे.
क्या है डीएमएफ
विभिन्न विभाग रॉयल्टी के रूप में खनन विभाग को राशि देते हैं. रॉयल्टी के इन्हीं पैसों को जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्रों में खर्च करता है. दुर्भाग्य की बात यह है की झारखंड में डीएमएफ 70 फीसदी राशि खर्च नहीं हो पाती है.