Ranchi: कांके स्थित रिनपास में पड़ोसी राज्य बिहार के मानसिक रोगियों का इलाज होना बंद हो गया है. कारण जानकर आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल…बिहार सरकार ने बकाया सवा अरब रुपये रिनपास को नहीं दिये हैं. इसके बाद रिनपास प्रबंधन ने बिहार के मानसिक रोगियों का इलाज करना बंद कर दिया है. यही नहीं हर तीन महीने में बिहार सरकार को पत्र लिखकर बकाया राशि की मांग की जा रही है. लेकिन बिहार सरकार की ओर से रिनपास के बकाया राशि को देने से टालमटोल रवैया अपनाया जा रहा है. झारखंड की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
अगस्त 2018 तक बिहार के मानसिक रोगियों का होता था इलाज
बिहार से अलग होकर झारखंड एक नया राज्य बना लेकिन उस समय बिहार में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए कोई अस्पताल नहीं था. जिसके कारण बिहार से आने वाले मानसिक रोगियों का इलाज रिनपास में किया जाता रहा. झारखंड अलग होने से लेकर अगस्त 2018 तक बिहार के मानसिक रोगियों का इलाज रिनपास में होता रहा. रोगियों के इलाज का खर्च बिहार सरकार पर सवा अरब हो गया. रिनपास द्वारा जब बकाया की मांग की गई तो बिहार सरकार पैसे देने से लगातार टालमटोल करने लगी.
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कोर्ट जाने की तैयारी में रिनपास
रिनपास के पूर्व निदेशक सुभाष सोरेन से मिली जानकारी के अनुसार, बकाया मांगने पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की चिट्ठी आई जिसमें कहा गया कि कोइलवर में 180 बेड का मानसिक रोग अस्पताल खुल गया है. इसलिए रिनपास बिहार के मरीजों का इलाज ना करें, ताकि बिहार सरकार को उनका भुगतान ना करना पड़े. उस पत्र के बाद रिनपास ने बिहार के मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया. वहीं उन्होंने बताया कि इसे लेकर रिनपास प्रबंध समिति की होने वाली बैठक में बिहार के मानसिक रोगियों के इलाज के बदले बकाया राशि पाने के लिए अदालत की शरण लेने का प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है.
सिर्फ ओपीडी में होता है इलाज
वहीं निदेशक डॉ जयंती सिमलये ने बताया कि बिहार से आने वाले मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है. ओपीडी में उनका प्रारंभिक उपचार किया जाता है. उसके साथ-साथ दवाई भी मुक्त दी जाती है, लेकिन बिहार सरकार से बकाया नही मिलने के कारण वहां के मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है.
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एक मरीज पर होता 900 रुपये खर्च
बिहार सरकार के पास रिनपास का बकाया 1 अरब 23 करोड़ 99 लाख 23 हजार 311 बकाया है. रिनपास में एक मरीज का इलाज करने में हर दिन 900 रुपये खर्च होता है, वर्तमान समय में लगभग 550 मानसिक रोगियों का इलाज किया जा रहा है. जिसमें 290 महिला रोगी हैं वहीं 260 पुरुष मानसिक रोगी हैं.
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