इंटर्नशिप, इंडस्ट्रियल विजिट, गेस्ट लेक्चर से व्यावसायिक शिक्षा को दिया जाएगा बढ़ावा
सरकारी स्कूलों के बच्चों को सरकारी संस्थाओं में भी मिलेगा इंटर्नशिप का मौका
Ranchi : झारखंड के सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप, इंडस्ट्रियल विजिट और गेस्ट लेक्चर का कॉन्सेप्ट शुरू होने जा रहा है. सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पहल की गई है. राज्य में वर्तमान में 11 तरह की व्यावसायिक शिक्षा वोकेशनल के छात्रों को दी जा रही है. जॉब रोल की प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को इंटर्नशिप के लिए अलग-अलग संस्थाओं में भी भेजा जा रहा है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने हेडमास्टरों को निर्देश दिया है कि जरूरत पड़ने पर बच्चों को सरकारी संस्थाओं में भी इंटर्नशिप कराने के लिए प्रस्ताव तैयार करें. इंटर्नशिप केवल कक्षा 11वीं और 12वीं के वोकेशनल बच्चों के लिए ही मान्य होगा. व्यावसायिक शिक्षा को लेकर शुक्रवार को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के ऑफिस में जिला स्तरीय शिक्षा पदाधिकारियों की कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें बच्चों के अंदर व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘इंटर्नशिप, इंडस्ट्रियल विजिट और गेस्ट लेक्चर’ पर जोर देने का निर्देश दिया गया.
446 स्कूलों में शुरू होने वाला है वोकेशनल इंटर्नशिप
राज्य के 446 स्कूलों में वोकेशनल की इंटर्नशिप अब शुरू होने वाला है. बच्चों को इंटर्नशिप में भेजने से पहले स्कूल प्रबंधन उनके कार्यस्थल की जांच करेंगे. निरीक्षण कर यह पड़ताल किया जाएगा कि कार्यस्थल बच्चों के कार्य करने के लिए सुगम और सुरक्षित है भी या नहीं. खास तौर पर बच्चियों की सुरक्षा की वहां क्या व्यवस्था है. संबंधित संस्था से बात कर बच्चों के आने-जाने और ठहरने की व्यवस्था की पूरी जानकारी ली जाएगी. हेडमास्टर और वोकेशनल ट्रेनर समय-समय पर कार्यस्थल का निरीक्षण भी करेंगे और इसकी निगरानी करेंगे कि बच्चे इंटर्नशिप के लिए जा रहे हैं या नहीं.
80 घंटे का इंटर्नशिप कराना अनिवार्य – स्वप्निल कुजूर
कार्यक्रम के स्टेट कोऑर्डिनेटर स्वप्निल कुजूर ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को 80 घंटे का इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से कराया जाए. वोकेशनल के बच्चों का बैंक अकाउंट भी खोला जाए, ताकि बच्चों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजे जा सकें. उन्होंने कहा कि वोकेशनल के बच्चों को इंटर्नशिप के लिए 1200 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा. साथ ही प्रशिक्षण खत्म होने के बाद प्रमाण पत्र के रूप में उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा. बच्चों को इंटर्नशिप कराने और व्यावसायिक शिक्षा देने में वीटी शिक्षकों का भी अहम योगदान होता है. इसे देखते हुए वीटी को भी प्रोत्साहन राशि के रूप में 75 रुपये प्रति छात्र दिया जाएगा.
इंडस्ट्रियल विजिट पिकनिक की तरह न मनाया जाए
कार्यशाला में पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि स्कूलों में किसी भी हालत में इंडस्ट्रियल विजिट को पिकनिक के रूप में नहीं मनाया जाए. बैनर, पोस्टर और फोटो खिंचवाने से ज्यादा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाए. इंडस्ट्रियल विजिट के लिए प्रत्येक स्कूल को 7500 रुपये दिए गये हैं. वहीं कम से कम एक घंटे का गेस्ट लेक्चर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. स्कूलों में वॉल ऑफ फेम भी तैयार करने के लिए कहा गया है, ताकि स्कूल की उपलब्धियों को जन-जन तक उस दीवार के माध्यम से पहुंचाया जा सके.
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