Ranchi : प्राईवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ गुरूवार को अभिभावक संघ ने डीसी ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कम लोग मौजूद रहे. सभी ने मौन रहकर प्रदर्शन किया. बता दे कि कुछ दिन पहले रांची डीसी छवि रंजन ने फीस बढ़ोत्तरी को लेकर निर्देश दिया था कि कोई भी स्कूल ऑनलाइन क्लास के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ले. लेकिन कुछ ही दिन के बाद डीसी ने अपने फैसले से यू-टर्न ले ली है.
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अभिभावक संघ ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष मौन प्रदर्शन किया
यू-टर्न लेते हुए डीसी ने इस मामले को शिक्षा विभाग का बताते हुए अपना कर पल्ला झाड़ लिया है. जिसके बाद झारखंड अभिभावक संघ ने विरोध करते हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष मौन प्रदर्शन किया. अभिभावक संघ ने 1 से 7 जुलाई तक राज्यस्तरीय आंदोलन का निर्णय लिया है.
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प्राइवेट स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है
प्रदर्शन के दौरान झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य का हर तबका कोरोना की वजह से आर्थिक तंगी से जुझ रहा है. खर्च बढ़े हैं और आमदनी कम हुई है. ऐसे आर्थिक अस्थिरता के दौर में अभिभावकों को दोहरा मार झेलना पड़ रहा है. जहां घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है वहीं निजी स्कूलों की फीस बढोत्तरी अभिभावक के लिए मुसीबत बनी हुई है. निजी स्कूल मनमानी पर उतर आये हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा की प्राईवेट स्कूल मनमानी फीस तो ले रहे है. मगर राज्य के ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की मूलभूत सुविधाएं अबतक उपलब्ध नहीं कराई गई है .ऑनलाइन क्लास के नाम पर अभिभावकों और बच्चो को ठगने का काम किया जा रहा है .
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निजी स्कूलों को सरकार का संरक्षण प्राप्त
उन्होंने कहा की निजी स्कूलों को शायद राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है. जिसके वजह से निजी स्कूलों पर सरकार किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही है. निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ताक पर रखा जा रहा है. निजी स्कूलों ने नये एकेडमिक इयर में कही 35% तो कही 12% तक फीस बढ़ोतरी कर दी है. इनमें एनुअल चार्ज, बिल्डिंग चार्ज, मिसलिनियस चार्ज, कंप्यूटर चार्ज, गेम्स चार्ज, सिक्यूरिटी चार्ज, सीसीटीवी चार्ज, स्कूल चार्ज, एसएमएस चार्ज, मेडिकल चार्ज, , डेवलपमेंट चार्ज शामिल है.
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झारखंड अभिभावक संघ ने की मांग
- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम – 2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाया जाए. जिसके तहत कोई भी स्कूल अपने मन मुताबिक ट्यूशन फ़ीस में बढ़ोतरी या किसी अन्य मद में फीस वसूली नहीं कर सकता है.
- बच्चों को फ़ीस के एवज में ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करने पर सरकार द्वारा रोक लगाई जाए.
- 25 जुलाई 2020 को झारखंड सरकार द्वारा जारी आदेश को वर्तमान में भी मानते हुए निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मद में फीस लिए जाने खिलाफ कार्रवाई की जाए.
- केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लीज पर उपलब्ध कराए गए जमीन पर खुले स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावे विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगाए जाने को लेकर राज्य सरकार हस्तक्षेप करें.
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