Ranchi: शिकायतकर्ताओं के लिए ट्विटर एक हथियार के रुप में जाना जाता है. कई लोग खुद के साथ हुई किसी घटना की जानकारी ट्वीटर के माध्यम से पुलिस को देते हैं. इसी क्रम में झारखंड पुलिस ने ट्विटर पर लोगों की शिकायतें सुनी और मामलों का निपटारा भी किया. पुलिस के लिए ट्विटर पुलिसिंग के हथियार बन गई. लेकिन हाल के महीनों में पुलिस सोशल मीडिया पर सुस्त पड़ती नजर आ रही है. कम से कम आंकड़े तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं.
चार महीने में ट्विटर के जरिये सिर्फ 75 शिकायतें मिली
पहले जहां हर महीने औसतन ट्विटर के जरिए झारखंड पुलिस को 900 शिकायतें मिलती थी. अब वो घटकर सिर्फ 20 के करीब रह गई हैं. पिछले चार महीने की बात की करें तो पुलिस को ट्विटर के जरिए सिर्फ 75 शिकायतें मिली हैं. इससे पहले 13 अप्रैल 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक पुलिस को ट्विटर के जरिये 7907 मामलों की शिकायतें मिली थीं. 7907 मामलों में पुलिस ने 7385 शिकायतों पर कार्रवाई की थी और 522 केस पेडिंग थे.
पुलिस सोशल मीडिया पर थी एक्टिव
बता दें कि राज्य पुलिस मुख्यालय ने साल 2020 में सभी जिलों के पुलिस थाने को ट्विटर पर एक्टिव होने का आदेश जारी किया था. इसके बाद राज्य की पुलिस सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गई थी. ट्विटर पुलिसिंग के लिए हथियार बन गयी थी. कोरोना काल में ट्विटर के जरिये आई ज्यादातर शिकायतों का पुलिस ने निपटारा कर दिया था.
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