- सीएम ने दिया आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजने का निर्देश
- सीएम ने की राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक
- 3500 रुपए प्रति किसान अनुग्रहित राशि देने का दिया निर्देश
Ranchi : झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य के 17 जिलों के 158 प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित करने की सिफारिश की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को राज्य सचिवालय में एक बैठक के दौरान यह अनुशंसा की गयी. सीएम ने आपदा प्रबंधन विभाग को जल्द से जल्द सभी 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि इसे मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जा सके. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को केंद्र सरकार को सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है. ताकि उस राशि से सूखा प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दी जा सके.
प्रभावित किसानों को दी जायेगी अनुग्रह राशि
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सुखाड़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए समुचित कदम उठाये जायें. उन्होंने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सुखाड़ से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 3500 रुपये प्रति किसान अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया. इसके अलावा वैसे किसान, जिनकी फसल कम बारिश की वजह से 33 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुई है, उन्हें इनपुट अनुदान राशि का भुगतान करने को कहा है. बैठक में मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव एल खियांगते, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव अबुबकर सिद्दीक और कृषि विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारी मौजूद रहे.
बीते साल राज्य के 260 में से 226 प्रखंडों को किया गया था सूखाग्रस्त घोषित
बता दें कि झारखंड में पिछले साल मॉनसून के दौरान 26 फीसदी कम बारिश हुई थी. बीते साल राज्य के 260 प्रखंडों में से 226 को सूखा प्रभावित घोषित किया गया था. प्रत्येक प्रभावित किसान परिवार को 3,500 रुपये की नकद राशि प्रदान करने का निर्णय लिया था. सरकार ने सूखा प्रभावित प्रखंडों के लिए केंद्र से 9,682 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग की थी. केंद्र सरकार ने सूखा पैकेज के रूप में 502 करोड़ रुपये आवंटित किये थे.
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