Ranchi : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के छात्र जदयू की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति ने मोरहाबादी के गांधी वाटिका में निर्मल महतो विचार मंच का गठन किया. मंच के गठन के बाद एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. मौके पर झारखंड छात्र जदयू के प्रभारी डॉ विनय भरत ने प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो का संदेश पढ़ कर सुनाया. युवाओं के लिए संदेश था कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करना निर्मल महतो की पहचान थी. वे लगातार सूदखोरों और जमीन दलालों के द्वारा दलित आदिवासी परिवार के दमन के खिलाफ खड़े रहे. एमएलसी बनने का मौका मिला, लेकिन आदिवासी साथी हालेन कुजूर का नाम आगे कर खुद को पीछे कर लिया. निर्मल महतो त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति थे.
निर्मल महतो के विचारों पर चलने की जरूरत
झारखंड छात्र जदयू के अध्यक्ष रंजन कुमार ने भी अपना विचार रखा. कहा कि मौजूदा वक्त में हमें जरूरत के हिसाब से टाना भगत के गांधी और कभी लौह इस्पात वाले निर्मल महतो के आदर्शों पर चलने की जरूरत है. विश्वविद्यालय समिति के सदस्य शमी, अमन, ओमकार, शुभम, अमन, विक्की और आलोक ने भी अपने विचार रखे.
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