Ranchi: झारखंड विधानसभा में हेमंत सरकार अपनी ही घोषणापत्र को लेकर घिर गयी. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वृद्धा पेंशन की राशि 2500 रुपये करने की घोषणा की थी. बीजेपी के विधायक अमित मंडल ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से सदन में यह सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जेएमएम अपने घोषणापत्र के इस वादे को भूल गयी. इतना ही नहीं पिछले 5 महीने से बुजुर्गों और दिव्यांगों को पेंशन राशि नहीं दी गयी है. इसपर विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि वृद्धा पेंशन की राशि ढाई हजार रुपये करने की कभी घोषणा नहीं की गयी है. इसके बाद बीजेपी विधायकों ने जेएमएम का घोषणापत्र निकालकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया.
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अपने वादों से मुकर रही सरकार- सीपी सिंह
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जब आप अपने चुनावी घोषणापत्र में कोई घोषणा करते हैं, तो जनता को आप पर भरोसा हो जाता है. जनता यह समझ बैठती है कि आप सरकार बनने के बाद अपने वादों पर अमल करेंगे. लेकिन अब सरकार की मंत्री ही कह रही हैं कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया है. यानी जेएमएम ने सीधे-सीधे जनता के साथ धोखा किया है.
चुनावी घोषणापत्र पर सदन में नहीं हो सकती चर्चा- आलमगीर
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम विपक्ष के हंगामे के बीच जेएमएम के बचाव में उतरे. उन्होंने कहा कि चुनावी घोषणापत्र पर सदन के अंदर चर्चा नहीं हो सकती. वो राजनीति से जुड़ा प्रश्न है और ये विधानसभा की कार्यवाही है.
नये वित्तीय वर्ष में सबको मिल जाएगा पेंशन- जोबा मांझी
वहीं अमित मंडल के सवालों का जवाब देते हुए जोबा मांझी ने कहा कि जनवरी 2021 तक वृद्धा पेंशन की राशि दे दी गयी है. फंड की कमी की वजह से दिव्यांगों का पेंशन 5 महीने का रोका गया है. साथ ही कहा कि नये वित्तीय वर्ष में पेंशन की राशि दे दी जाएगी.
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