New Delhi : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में कैंपस में धरना देने पर छात्रों को 20 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा. अगर कोई राष्ट्र विरोधी नारे लगायेगा तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना ठोका जायेगा. लगेगा. JNU प्रशासन द्वारा यह आदेश जारी कर दिया गया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
जेएनयू का यह तुगलकी फरमान है
इस नये नियम यहां पढ़ रहे छात्र- छात्राओं में रोष है. अब जो छात्र अपने हितों के लिए समय-समय पर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाते थे अब उन मांगों को नहीं उठा पायेंगे. नये आदेश को लेकर एबीवीपी के सदस्य और मीडिया इंचार्ज अंबुज तिवारी ने कहा है कि जेएनयू का यह नया तुगलकी फरमान पूर्व भी आ चुका है, जिसके खिलाफ हम लोगों ने काफी प्रदर्शन किया था. जेएनयू ने बाद में आदेश वापस ले लिया था, लेकिन आज फिर से ऐसी ही फरमान आ गया है. इसमें छात्रों के प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात कही गयी है.
यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करें
अंबुज तिवारी ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करें. उन्होंने चेताया कि जेएनयू प्रशासन हमारा संवैधानिक अधिकार ना छीने. हालांकि यह भी कहा कि जो राष्ट्र विरोधी नारे या फिर संदिग्ध गतिविधियों में पाये जाने पर 10,000 जुर्माना लगाने की बात कही गयी है, एवीबीपी उस पर जुर्माने का समर्थन करता है, लेकिन विश्वविद्यालय के अंदर अगर कोई भी संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है तो उसे प्रदर्शन करने की इजाजत मिलनी चाहिए.
मार्च में भी जारी किया गया था आदेश
खबर है कि पिछले मार्च में भी JNU प्रशासन ने यह नियम लागू किया था. कहा गया था कि परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगेगा, हिंसा करने पर उनका एडमिशन रद्द हो सकता है या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. छात्र संगठनों द्वारा विरोध- प्रदर्शन किये जाने के बाद बाद में इसे वापस ले लिया गया था.