Ranchi : हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले काफी बढ़े हैं. लेकिन इस बढ़ती हिंसा के बीच सबसे बड़ी परेशानी डायन हिंसा है. डायन हिंसा पर रोक लगे और समाज के लोग इस अभिशाप से दूर रहें. इसके लिए न्यायपालिका अब खुद आगे आकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है.
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डायन हिंसा पर CJM ने किया जागरूक
इसी क्रम में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची द्वारा विधिक जागरुकता शिविर नामकुम ब्लॉक की बड़ाम पंचायत स्थित समावेशी न्याय सदन में आयोजित किया गया. विधिक जागरुकता शिविर में डायन प्रथा और महिला हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए समाज में कुरीति के रूप में व्याप्त इस अभिशाप को रोकने के लिए लोगों को जानकारी दी गयी. इस कार्यक्रम में रांची सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहम्मद फहीम किरमानी और DLSA सचिव अभिषेक कुमार मौजूद रहे.
किसी को डायन कहकर प्रताड़ित करना अपराध
रांची सिविल कोर्ट के सीजेएम फहीम किरमानी ने बताया कि हमें डायन प्रथा जैसी कुरीतियों से बचना होगा, आज के युग में विज्ञान इतनी तरक्की कर रहा है और हम भी आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में इन कुप्रथा का कोई स्थान नहीं है और न ही हमारा कानून ऐसा करने की इजाजत किसी व्यक्ति को देता है. DLSA सचिव अभिषेक कुमार ने जागरूक शिविर में मौजूद ग्रामीणों को बताया कि किसी इंसान को डायन कहकर प्रताड़ित करना एक अपराध है. इसके लिए सजा का प्रावधान है. साथ ही साथ इस कुरीति को समाज से हटाना आवश्यक है. कार्यक्रम में प्रखंड के पदाधिकारी, पंचायत के प्रतिनिधि और DLSA के पीएलवी समेत ग्रामीण मौजूद थे.
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