NewDelhi : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी श्रीनगर के दौरे पर हैं और प्रियंका गांधी वाड्रा विदेश में हैं. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अपने जन्मदिन पर दिल्ली में सियासी दावत दी, जिसमें विपक्ष के कई बड़े चेहरे शामिल हुए. सिब्बल जी-23 ग्रुप के सदस्य हैं. ऐसे में उनका राहुल की गैर मौजूदगी में सिब्बल की दावत राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रही है.
सिब्बल की दावत पर हर किसी की नजर
बता दें कि मॉनसून सत्र चल रहा है और विपक्षी पार्टियां लगातार एक साथ आने की कोशिश कर सरकार को घेर रही हैं. इस सबके बीच सिब्बल ने दावत दी, जिसपर हर किसी की नज़र गयी है. कपिल सिब्बल की दावत में शरद पवार, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, संजय राउत, डेरेक ओ ब्रायन समेत अन्य कई नेता शामिल हुए. कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के गुलाम नबी आज़ाद, भूपेंद्र हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, संदीप दीक्षित ने भी शिरकत की.
दावत में सियासी चर्चा हुई
सूत्रों के अनुसार दावत में सियासी चर्चा हुई. कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चे की जरूरत है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सिब्बल का साथ देते हुए कहा कि वे जो मुद्दे उठाते हैं पार्टी के भीतर हों या बाहर, उनसे वह सहमत हैं और वह सही मुद्दे हैं. जदाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि वे पार्टी के वफादार सिपाही हैं, पार्टी के भीतर जो होता है वह पार्टी का विषय है, मगर पार्टी के बाहर विपक्ष को एकजुट रहने की जरूरत है.
विपक्ष को एकजुट रहने की जरूरत है
राजद के लालू प्रसाद यादव ने हां में हां मिलाते हुए कहा कि विपक्ष को एकजुट रहने की जरूरत है. कहा कि यहां जो नेता बैठे हैं उनमें वह ताकत है. लालू प्रसाद ने कपिल सिब्बल की सराहना करते हुए कहा कि वह हमेशा से ही जरूरत में काम आये हैं. दावत में मौजूद सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि विपक्ष को कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद जैसे लोगों के अनुभव का सही इस्तेमाल करना चाहिए.
कांग्रेस में इस विषय में किससे बात करें
जान लें कि दावत में अकाली दल के इंद्र कुमार गुजराल, बीजेडी से पिनाकी मिश्रा, आम आदमी पार्टी से संजय सिंह समेत वाईएसआर (कांग्रेस), टीआरएस और रालोद के नेता भी शामिल थे. हालांकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर टीआरएस. YSRCP और बीजेडी अक्सर बीच का रास्ता ले लेते हैं पिनाकी मिश्रा ने कहा कि अक्सर कुछ मुद्दों पर उनकी पार्टी के साथ आना चाहती है, लेकिन उनको समझ नहीं आता कि कांग्रेस में इस विषय में किससे बात करें.
जानकारी के अनुसार बैठक में विपक्ष के नेता ने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी अपने आंतरिक मुद्दे सुलझाये तो विपक्ष के पास एक बेहतर चांस हो सकता है. कहा कि लगभग दो सौ सीटों पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं.