Bengaluru : कर्नाटक के भाजपा नेता व मंत्री ईश्वरप्पा पर एफआईआर दर्ज होने की खबर है. ठेकेदार संतोष पाटिल सुसाइड केस में एफआईआर हुआ है. इसमें मंत्री ईश्वरप्पा के साथी बसवराज और रमेश के भी नाम शामिल है. संतोष पाटिल के भाई प्रशांत की शिकायत पर एफआईआर हुई है.
जान लें कि ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के लिए 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाला ठेकेदार संतोष मंगलवार सुबह उडुपी के एक लॉज में मृत मिला था . हंगामा मचने पर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में केस दर्ज कर लिया है.
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संतोष पाटिल ने पीएम को एक पत्र लिखकर ईश्वरप्पा पर आरोप लगाये थे
जानकारी के अनुसार संतोष पाटिल ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर ईश्वरप्पा पर आरोप लगाये थे. कहा था कि मंत्री ईश्वरप्पा ने उनसे काम के बदले 40 फीसदी कमीशन मांगा था. बता दें कि पाटिल पीएम मोदी को पत्र लिख कर चर्चा में आ गये थे. इसमें उन्होंने ईश्वरप्पा पर आरोप चस्पां किये थे कि वह उनके बकाया बिल क्लियर करने के बदले कमीशन मांग रहे हैं. उन्होंने ईश्वरप्पा पर झूठ बोलने, भ्रष्टाचार और अनियमितता करने के आरोप मढ़े थे.
पाटिल ने पीएम मोदी से गुहार लगायी थी कि वह उनका बकाया पैसा दिलवा दें. ईश्वरप्पा ने इस मामले में सफाई दी थी, उन्होंने ठेकेदार के आरोपों को गलत करार देते हुए मानहानि का केस करने की धमकी भी दी थी.
दोस्त को किया था वॉट्सऐप मेसेज
सोमवार को संतोष पाटिल की लाश उडुपी शहर में मिली थी. इससे कुछ समय पहले ही संतोष पाटिल ने अपने दोस्त को एक वॉट्सऐप मैसेज किया था. इसमें उन्होंने मंत्री को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. संतोष पाटिल ने लिखा था, ईश्वरप्पा मेरी मौत के जिम्मेदार हैं. उनको सजा मिलनी चाहिए. मैंने अपनी सभी इच्छाओं का त्याग कर यह कदम उठाने का मन बनाया है. मेरी पीएम, सीएम और येदियुरप्पा से गुजारिश है कि वह मेरे परिवार का ख्याल रखें.
सुसाइड के बाद मामला गरमा गया
संतोष के भाई प्रशांत पाटिल का आरोप है कि मंत्री ने उनके भाई से कमीशन मांगा था और फिर मानहानि का केस भी कर दिया. पुलिस के अनुसार 11 अप्रैल को वह पत्नी से कहकर निकले थे कि वह दोस्तों के साथ पिकनिक पर जा रहे हैं. इसके बाद उसी दिन उडुपी के लॉज में वह मृत मिले. सुसाइड के बाद मामलागरमा गया, तो कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई को बयान सामने आया. उन्होंने जांच के आदेश देते हुए और कहा था कि सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी.