Kiriburu (Shailesh Singh) : अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था कजाकिस्तान फेडरेशन ऑफ क्लब्स फॉर यूनेस्को द्वारा आयोजित अन्तरराष्ट्रीय कला चक्र ‘द प्लेनेट ऑफ आर्ट 2022’ प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र मंगल सोय समेत प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छः छात्र-छात्राओं को किरीबुरू के सीजीएम कमलेश राय ने अपने कार्यालय में विशेष सम्मान समारोह आयोजित कर सम्मानित किया. इस दौरान सभी छात्र-छात्राओं को उक्त संस्था द्वारा भेजे गये प्रमाण पत्र सीजीएम कमलेश राय ने सभी छः छात्र-छात्राओं को भेंट किये.


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मंगल सोय के पिता अयस्क खदान में ठेका मजदूर का करते हैं काम
उल्लेखनीय है कि सारंडा के घोर नक्सल प्रभावित कुमडीह गांव निवासी सह सेल की किरीबुरू प्रबंधन द्वारा संचालित प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल, किरीबुरू के वर्ग 9वीं का छात्र मंगल सोय, पिता जानुम सिंह सोय अत्यंत गरीब है. मंगल सोय एक बहुत ही गरीब और पिछड़े परिवार से है. उनके पिता जानुम सिंह सोय मेघातुबुरु लौह अयस्क खदान में ठेका मजदूर हैं तथा वह कुमडीह गांव के मुंडा भी हैं. उनकी मां सुकमती सोय एक गृहिणी हैं और कुमडीह गांव में रहती हैं. प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल की प्राइवेट ड्राइंग शिक्षिका काकुली नाग दास ने उक्त अंतरराष्ट्रीय उत्सव में भाग लेने के लिए पीसीएस स्कूल के छात्रों को प्रेरित किया था.
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इस प्रतियोगिता में 3 से 18 वर्ष के बच्चों ने लिया था हिस्सा
इस बाबत सहायक प्रबंधक अजय शंकर मिश्रा ने बताया की उक्त अंतरराष्ट्रीय संस्था दुनिया भर के युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक विश्वसनीय मंच है. उक्त प्रतियोगिता में 3 से 18 वर्ष के बच्चों ने भाग लिया था. यह प्रतियोगिता सिल्क रोड की विरासत को समर्पित था. जिसने सबसे पहले संचार और विनिमय का एक नेटवर्क बनाया और दुनिया के इतिहास को प्रभावित किया. इसका उद्देश्य विविधता में एकता हासिल करना भी था. इस प्रतियोगिता में शामिल हमारे विद्यालय के होनहार छात्र मंगल सोय ने प्रतियोगिता जीता है. मंगल सोय के अलावे उक्त विद्यालय से रोया राम लागुरी, वाई भेंगरा, दीपाली गोप, अफसर परवीन एवं सपना अंगारिया शामिल हुई थी.

