Kiriburu (Shailesh singh): नोवामुंडी प्रखंड के दिरीबुरु पंचायत के विभिन्न गांवों में मनरेगा एंव अन्य योजनाओं में की गई भारी भ्रष्टाचार व अनियमितता मामले में पंचायत के कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. लगातार न्यूज से विशेष बातचीत में नोवामुंडी के प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुज बांडो ने कहा कि पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा की लिखित शिकायत के बाद लोकपाल अरुणाभ कर एंव अन्य पदाधिकारियों ने उक्त पंचायत के गांवों में जाकर योजनाओं की जांच की थी. जांच अभी भी जारी है. कई योजनाओं में कुछ अनियमितता पाये जाने से संबंधित मामले को लेकर योजनाओं से जुडे़ कनीय अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, रोजगार सेवक, पंचायत सचिव को शो-कॉज किया जा रहा है. शो-कॉज के बाद सभी को उक्त पंचायत से हटाया जायेगा एंव उनके स्थान पर दूसरे को री-सफल किया जायेगा.
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पदाधिकारियों से पैसे की वसूली की जायेगी
योजनाओं की मापी आदि भी कराई जायेगी एंव काम से अधिक पैसा निकाला गया होगा तो उस योजना से जुड़े पदाधिकारियों से पैसे की वसूली भी की जायेगी. उन्होंने कहा की भ्रष्टाचार किसी भी योजना में होने नहीं दिया जायेगा. शिकायत मिलने पर जांच और कार्यवाही होगी. उन्होंने कहा कि अब पीएम आवास आदि तमाम योजनायें का पैसा सीधे लाभूक के खाते में भेजा जाता है. अगर इसके बावजूद उनके साथ लोग धोखाधड़ी कर ले रहे हैं तो इसके लिये लाभूक स्वंय भी जिम्मेदार हैं.
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पंचायत प्रतिनिधियों को किया जागरूक
दूसरी तरफ बीडीओ अनुज बांडो ने किरीबुरु-मेघाहातुबुरु क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को जागरूक करते अथवा जानकारी देते हुये बताया कि प्राकृतिक आपदा जैसे वज्रपात, सर्पदंश, पानी में डूबने आदि से मौत होने की स्थिति में मृतक के आश्रित को 4 – 4 लाख रूपये सरकारी मुआवजा देने का प्रावधान है. इसके लिये प्राकृतिक आपदा में मरने वाले का यूडी केश संबंधित थाना में दर्ज होने के साथ-साथ पोस्टमार्टम कराना जरूरी है. इस प्रक्रिया के बाद मृतक के आश्रित प्रखंड सह अंचल कार्यालय में सारे प्रमाणों के साथ मुआवजा हेतु आवेदन दे सकते हैं. उन्होंने कहा की सरकार, प्रखंड प्रशासन अथवा सामाज का कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा की किसी की भी मौत किसी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा से हो.