Kiriburu (Shailesh Singh) : भाकपा माओवादी संगठन की पांच लाख रुपये की इनामी कुख्यात महिला नक्सली जयन्ती उर्फ रेखा दी दो दशक से झारखंड और पश्चिम सिंहभूम पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है. रेखा दी रांची के बुंडू के बारुहातु गांव की रहने वाली है. उसके पिता स्व0 दलगोविन्द सिंह मुंडा उर्फ दोलो उर्फ गहन सिंह मुंडा हैं. नक्सली रेखा तब सबसे ज्यादा सुर्खियों में आयी थी जब ओडिशा के चांदीपोस स्थित वन विभाग के चेकनाका के पास से नक्सलियों ने 12 टन बारूद से भरा वाहन लूटकर सारंडा जंगल में फरार हो गये थे. उस घटना में ओडिशा पुलिस का एक जवान भी शहीद हो गया था.
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इस घटना में पहली बार नक्सली रेखा, अनीता आदि का नाम सामने आया था. उक्त बारुद को लूटने के बाद नक्सली सारंडा के बिटकिलसोय, तिरिलपोसी, गुंडीजोड़ा, टोयबो आदि जंगलों में अलग-अलग भागों में बांट कर छुपाया था. नक्सली रेखा से लगातार न्यूज संवाददाता की पहली मुलाकात सारंडा के थोलकोबाद स्थित आवासीय विद्यालय प्रांगण में वर्ष 2007 के आस पास हुई थी, जब वह नारी मुक्ति संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आयी थी. गेहुंआ रंग, कम कद काठी व भरा शरीर वाली रेखा दी अपने सहयोगी रश्मि दी (जेल में) के साथ पहुंची थी.
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रेखा ने तब नक्सली संगठन की महिला इकाई नारी मुक्ति संघ की कार्य प्रणाली आदि के बारे में बताई थी. उनकी बातों से लगा कि वे काफी शिक्षित व तेज तर्रार महिला हैं. कम्युनिस्ट विचारधारा का अच्छा ज्ञान उसे था. हालांकि उसने नक्सली घटनाओं से संबंधित अपनी संलिप्तता के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. लेकिन सूत्रों ने बताया था कि यह महिला नक्सली काफी खतरनाक होने के साथ-साथ सारंडा में भाकपा माओवादियों का संगठन विस्तार, संगठन से महिलाओं व युवतियों को जोड़ने, आधार इलाका को बढ़ाने के साथ-साथ सभी तरह का हथियार चलाने, गुरिल्ला युद्ध, पुलिस को चकमा देने आदि तमाम प्रकार के युद्ध कौशल में माहिर है. थोलकोबाद स्कूल प्रांगण में कार्यक्रम स्थल पर आवासीय स्कूल को नक्सलियों ने कुछ माह पूर्व ही उड़ाया था.
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इस घटना में भी रेखा शामिल थी. रेखा अपनी गोद में जिस बच्ची को पकड़ी थी वह बच्ची कुख्यात नक्सली रश्मि दी की थी. रेखा सारंडा के अलावे कोल्हान, पोड़ाहाट व झारखंड-ओडिशा के विभिन्न जंगलों में आज भी काफी सक्रिय है. झारखंड पुलिस इस महिला नक्सली पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. बताया जा रहा है कि वर्तमान में रेखा बडे़ नक्सली नेताओं के साथ कोल्हान व पोड़ाहाट के जंगलों में सक्रिय है एवं निरंतर बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रही है.