Kiriburu (Shailesh Singh) : खान सुरक्षा महानिदेशालय, चाईबासा रीजन के निर्देशानुसार किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन के संयुक्त तत्वाधान में, ओपेन थियेटर प्रांगण किरीबुरु में 61वां वार्षिक मेटलिफरस खान सुरक्षा सप्ताह के तहत पब्लिसीटी प्रोपगंडा कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि खान सुरक्षा निदेशक आर आर मिश्रा , विशिष्ट अतिथि खान सुरक्षा उप निदेशक आर सुधीर, कन्वेनर सह सेल गुवा व चिडि़या के सीजीएम कमल भाष्कर, मेघाहातुबुरु खदान के सीजीएम आर पी सेलबम, किरीबुरु खदान के सीजीएम कमलेश राय, टाटा स्टील नोवामुण्डी के इलेक्ट्रिकल हेड एस के रौय ने दीप प्रज्वलित कर किया.
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मुख्य अतिथि खान सुरक्षा निदेशक आर आर मिश्रा ने कहा कि हमें सभी के सहयोग से शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त करना है. डीजीएमएस द्वारा बनाये गये नियमों का सही से पालन करते हुये तथा कार्यस्थल पर सुरक्षित व शांत वातावरण में सावधानी से कार्य कर हीं यह लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. दुर्घटना खदान, परिवार व देश को नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने सभी से कदम कदम पर सुरक्षा के नियमों का पालन करने हेतु आग्रह किया तथा सभी को शुभकामनाएं दी.
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किरीबुरु के सीजीएम कमलेश राय ने कहा कि किसी भी उद्योग में कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य काफी महत्वपूर्ण होता है. प्रबंधन भी कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर चिंतित व गंभीर रहता है. सुरक्षा के प्रति 24 घंटा 365 दिन सतर्क व जागरुक रहने की जरुरत है. सही दृष्टिकोण वाला कोई व्यक्ति दुर्घटनाओं को कम कर सकता है. हम अपनी कार्य नीति व व्यवहार की वजह से शून्य दुर्घटना को प्राप्त कर सकते हैं. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु की जनता व सेलकर्मी सुरक्षा के प्रति काफी सजग हैं. पब्लिसिटी प्रोपगंडा कार्यक्रम सुरक्षा के प्रति जन जन की जागरुक करना है.
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कन्वेनर कमल भाष्कर ने कहा कि सुरक्षा के नियमों का पालन, सुरक्षित वातावरण व जागरुक होकर कार्य करने से खदानों में दुर्घटनाएं की संभावना शून्य रहती है. खदान में दुर्घटना की संभावना अधिक रहती है और हर जान कीमती होता है. डीजीएमएस के नियमों को लक्ष्मण रेखा की तरह जब पार करेंगे तो घटना की संभावना अधिक रहेगी. खदान में काम करते समय अनसेफ एक्ट नहीं करना है. घर से कार्य स्थल पर सुरक्षित जाये एवं सुरक्षित अपने घर वापस लौंटें, क्योंकि घर पर हमारा कोई इंतजार करता है.
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टाटा स्टील के हेड एस के रौय ने कहा कि डीजीएमएस का लक्ष्य शून्य दुर्घटना है. चाईबासा रीजन दुर्घटना मामले में 90 फीसदी सफलता प्राप्त कर चुकी है. हमें इस वर्ष शून्य दुर्घटना लक्ष्य को प्राप्त कर शत फीसदी सफलता हासिल करना है. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु खदान उत्पादन व सुरक्षा के प्रति काफी गंभीर है. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु की टीम वन प्लस वन टू नहीं बल्कि ग्यारह है.
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कार्यक्रम से पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत पारम्परिक आदिवासी नृत्य से किया गया. तत्पश्चात सभी ने सुरक्षा देवी की पूजा अर्चना की. उसके बाद किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु प्रबंधन द्वारा लगाये गये सुरक्षा संबंधित मौडल, मुविंग पोस्टर, पोस्टर, स्लोगन आदि को देखा. जगह जगह स्कूली बच्चे व अन्य द्वारा सुरक्षा से संबंधित नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई. कार्यक्रम की समाप्ति से पूर्व स्थानीय बच्चों द्वारा सुरक्षा से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कोलकत्ता से आये आर्केस्ट्रा टीम द्वारा रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई. इस कार्यक्रम को देखने कडी़ ठंड के बावजूद सैकड़ों लोग पहुंचे. कार्यस्थल स्थल के चारों तरफ सीआरपीएफ व पुलिस के जवानों द्वारा कडी़ सुरक्षा व्यवस्था कर रखी गई थी.
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इस दौरान सीजीएम एस एस साह, महाप्रबंधक नवीन कुमार सोनकुशरे, महाप्रबंधक बी के मिंज, महाप्रबंधक राम सिंह, महाप्रबंधक स्मृति रंजन स्वांय, महाप्रबंधक दीपेन लोहार, महाप्रबंधक योगेश प्रसाद राम, महाप्रबंधक भी के सुमन, महाप्रबंधक मनीष राय, महाप्रबंधक संजय सिंह, महाप्रबंधक डी बी जयकर, महाप्रबंधक के बी थापा, सहायक महाप्रबंधक रथिन विश्वास, सुरक्षा अधिकारी पीबी साहू आदि दर्जनों अधिकारी मौजूद थे.
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किरीबुरु : ट्रेनों के काफी विलम्ब से चलने से यात्री परेशान
- कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस मनोहरपुर स्टेशन 9 घंटा विलम्ब से पहुंची
Kiriburu (Shailesh Singh) : ऋषिकेश से पुरी जाने वाली कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन (18478) लगभग 9 घंटे विलम्ब से 22-23 दिसम्बर की मध्य रात्रि लगभग 12.45 बजे मनोहरपुर स्टेशन पर पहुंची. इस ट्रेन से सफला करने व मनोहरपुर स्टेशन पर उतरकर सड़क मार्ग से विभिन्न स्थानों पर जाने वाले यात्री परेशान रहे. इस ट्रेन का मनोहरपुर स्टेशन पर पहुंचने का निर्धारित समय दोपहर लगभग 3.29 बजे है. दिल्ली से मनोहरपुर स्टेशन आयी महिला यात्री शिला व अन्य यात्रियों ने बताया की 22 दिसम्बर को उन्हें नक्सली बंद की जानकारी नहीं थी.
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विलम्ब से ट्रेन पहुंचने की वजह से किरीबुरु व अन्य हिस्सों से प्राईवेट वाहन रात के समय मनोहरपुर आने से इन्कार कर दिया. मनोहरपुर स्टेशन या शहर में मध्य रात्रि ऐसी कोई सुविधा या व्यवस्था नहीं मिली जहाँ ठंड के इस मौसम में रात गुजारा जा सके. मनोहरपुर स्टेशन के बाहर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं दिखी. ऐसी स्थिति में इस स्टेशन से अन्यत्र जाने वाले यात्रि क्या करे, समझ में लोगों को नहीं आया. कई यात्रि स्टेशन में हीं जैसे तैसे रात गुजार सुबह होने का इंतजार करते नजर आयें वहीं कुछ यात्रि भारी जोखिम उठाकर नक्सलियों के भय के बीच प्राईवेट वाहन मंगाकर अपने-अपने घर के लिये रवाना हुये. कुछ यात्रियों ने बताया की रेल मंत्रालय यात्री ट्रेनों की समय सारणी को लेकर गंभीर नहीं है. ट्रेनों का किराया बढा़ जा रहा है लेकिन यात्री सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. प्रायः ट्रेने काफी विलम्ब से प्रतिदिन चल रही है. इसको लेकर यात्रियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. यात्रियों ने रेल मंत्रालय से सभी ट्रेनों को निर्धारित समय पर चलाने की मांग की है.
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किरीबुरु : केवी मेघाहातुबुरु में मनाया गया वीर बाल दिवस
Kiriburu (Shailesh Singh) : केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरू में 23 दिसम्बर को सिक्ख धर्म के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए वीर बाल दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया. इस अवसर विद्यालय की छात्रा रजनी गोठवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू गोविंद सिंह के छोटे साहिबज़ादों को नमन करती हूँ. जिन्होंने अपनी अनुठी शहादत द्वारा एक ऐसी अनोखी मिसाल कायम की, जिसकी संसार के इतिहास में आज तक कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता. कार्यक्रम में श्रेयांश पंडा और सारांश सीताचंदन द्वारा साहिबज़ादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का रोल कर एक्टिंग की गई. इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा लघुनाटक द्वारा गुरू गोविन्द सिंह के छोटे बच्चों ने अपनी आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने का अभिनय किया गया. विद्यालय के शिक्षक अंशुल सिरोही ने बताया कि यह दिन साहिबज़ादों की कहानियों को याद करने का दिन है और यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई. खासकर जोरावर और फतेह सिंह की. सरसा नदी के तट पर एक लड़ाई के दौरान दोनों साहिबजादे को मुगल सेना ने बंदी बना लिया था.
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इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर उन्हें मात्र 7 और 9 साल की उम्र में कथित तौर पर जिंदा दफन कर दिया गया था. इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डा आशीष कुमार ने अपने उदबोधन में कहा कि सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के शौर्य और पराक्रम से तो हम सभी भली भांति परिचित हैं. लेकिन क्या आप सभी जानते हैं उनके बेटे भी उन्हीं की भांति वीर पराक्रमी थे. जिन्होंने 26 दिसंबर 1704 के दिन मुगलों के द्वारा शहादत दे दी गई थी. इस तारीख को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में लिया गया था. यह दिन हमें अन्याय के विरूद्ध अपनी आवाज़ को बुलंद करने की सीख देता है.
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केवी मेघाहातुबुरु में उपचारात्मक शिक्षण शिविर लगेगा : प्राचार्य
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/12/KV-Meghahatuburu-Principal.jpg)
Kiriburu (Shailesh Singh) : केन्द्रीय विद्यालय, मेघाहातुबुरु शीतकालीन अवकाश के दौरान 3 जनवरी से 12 जनवरी तक 10 दिवसीय उपचारात्मक शिक्षण शिविर विद्यालय में आयोजित होगी. इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य डा आशीष कुमार ने बताया कि शिविर 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिये आगामी बोर्ड की परीक्षा को देखते हुये बेहतर परिणाम हेतु आयोजित की जायेगी. शीतकालीन शिक्षण कार्यक्रम सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि विगत प्रथम पूर्व परिषदीय परीक्षा के प्राप्त परिणाम के आलोक में संबन्धित विषय के शिक्षकों की ओर से शीतकालीन अवकाश के दौरान अतिरिक्त उपचारात्मक शिक्षण कक्षाओं को आयोजित करने का प्रस्ताव आया है.
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विद्यालय के परिषदीय परीक्षा के संख्यात्मक व गुणात्मक परिणाम पाने के लिए यह एक वांछनीय कदम है. प्रस्तावित कक्षा के आयोजन हेतु आवश्यकतानुसार विषय और संबन्धित विद्यार्थियों को चिन्हित कर लिया गया है. कक्षाओं के दौरान विद्यालय विकास निधि से प्रतिभागियों के अल्पाहार की भी व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. दूसरी तरफ बढ़ती ठंड एवं केन्द्रीय विद्यालय के कलेंडर अनुसार 24 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक बच्चों को 20 दिन का शीतकालिन अवकाश दिया गया. अब विद्यालय 15 दिसम्बर को खुलेगा.