Kiriburu (Shailesh Singh) : किरीबुरु-बेसकैंप मुख्य मार्ग पर मां गिरि राजेश्वरी मंदिर से लगभग 200 मीटर पहले पहाड़ी के नीचे बोलेरो (ओडी14एडी-4368) दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह बोलेरो अजय नायक की बताई जा रही है. इस दुर्घटना में चालक को चोट आने की चर्चा है. यह दुर्घटना अहले सुबह अंधेरे में होने की बात कही जा रही है. आज सुबह कुछ स्थानीय लोग जब इस मार्ग से गुजर रहे थे तो दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो का हेडलाईट जलते देखा.
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उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह के अंदर इस मंदिर क्षेत्र में यह तीसरी दुर्घटना हुई है. हालांकि दुर्घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं आयी है. इस मार्ग पर दर्जनों स्थानों पर संकीर्ण मोड़ एवं पूरे मार्ग पर गहरी खाई है. सड़क भी संकीर्ण व पतली है, जहां एक वाहन जाने का हीं रास्ता है. सड़क किनारे गार्डवाल भी नहीं है.
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किरीबुरु : सेल की चिड़िया प्रबंधन भी गांवों में सुविधाएं दे : राजू सांडिल
Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के गंगदा पंचायत अन्तर्गत दुईया गाँव में मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल की अध्यक्षता में अबुआ आवास योजना के मद्देनजर ग्राम सभा की बैठक आयोजित की गई. बैठक में अपने-अपने गाँवों में आवास हेतु लाभुकों का चयन सर्वसम्मति व पारदर्शी तरीके से करने का फैसला हुआ. अबुआ आवास हेतु सर्वप्रथम गांव की गरीब विधवा, विकलांग का चयन किया जायेगा. तत्पश्चात तमाम जरुरतमंदों का चयन एक-एक कर किया जायेगा.
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ग्राम सभा में मुखिया राजू सांडिल ने जिला पुलिस-प्रशासन एवं सेल की गुवा प्रबंधन के प्रति आभार जताते हुये कहा कि उपायुक्त, एसडीओ व एसडीपीओ के प्रयास से आज गुवा प्रबंधन ने सारंडा के दर्जनों प्रभावित गांवों को अपने सीएसआर गांव की सूची में शामिल कर लिया है. गुवा प्रबंधन अब हमारे गांवों में चलंत चिकित्सा वाहन से इलाज भी प्रारम्भ कर दिया है. बीमार मरीजों को अस्पताल ले जाने हेतु वह एम्बुलेंस भी गांवों में भेजती है. सीएसआर योजना के तहत अन्य विकास कार्य भी प्रारम्भ करने वाली है. उन्होंने कहा कि सेल की गुवा खदान प्रबंधन की तरह हीं सेल की चिड़िया खदान प्रबंधन भी अपने प्रभावित सीएसआर के गांवों में चलंत चिकित्सा वाहन से ग्रामीणों का इलाज सुविधा एवं मरीजों को अस्पताल पहुंचाने हेतु एम्बुलेंस सुविधा प्रदान करे.
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इसके अलावे अन्य विकास योजनाएं भी प्रभावित गांवों में चलाये. अगर चिडि़या प्रबंधन ऐसा नहीं करती है तो उसके खिलाफ जोरदार आंदोलन छेडा़ जायेगा. जरुरत पडी़ तो खदान को बंद भी किया जायेगा. इस दौरान पंसस रामेश्वर चाम्पिया, मुंडा जानुम सिंह चेरोवा, मुंडा बुधराम सिद्धू, मंगल कुम्हार, नीलमणी सांडिल, भोंज चाम्पिया, दुःशासन चेरोवा, लक्ष्मी सांडिल, लक्ष्मी चेरोवा, नीशा तांती, सुनीता कुम्हार आदि के अलावे हिनुवा, दोदारी, सलाई, ममार, घाटकुडी़, रोवाम आदि गांवों के ग्रामीण भी शामिल हुये.
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किरीबुरु : खाली बोतलों में नकली शराब भर बेच रहे माफिया
- शराब माफिया गरीब मासूम बच्चों से शहर में चुनवा रहे शराब की खाली बोतलें
Kiriburu (Shailesh Singh) : आज का बच्चा कल का नागरिक और भविष्य का निर्माता है. फिर मामूली स्वार्थ की खातिर गरीब व मासूम बच्चों को उनके अधिकारों से क्यों वंचित रखा जा रहा है! क्यों न उनमें प्रेम व स्नेह का संचार किया जा रहा है! क्यों न उन्हें शिक्षा प्राप्त करने का साधन प्रदान किया जा रहा है! क्यों नहीं उनके संरक्षण की समस्याओं को सुलझाया जा रहा है! किरीबुरु-मेघाहातुबुरु शहर के दर्जनों गरीब, उपेक्षित व असहाय बच्चों का भविष्य आज की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है.
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कुछ अवैध शराब माफिया छोटे-छोटे इन गरीब बच्चों को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भेज जहां-तहां पड़ी अंग्रेजी शराब की खाली बोतलों को चुनवा रहे हैं. प्रत्येक खाली बोतल के एवज में इन बच्चों को 5 से लेकर 20 रूपये तक देते हैं. ये शराब माफिया अंग्रेजी शराब की खाली बोतलों की साफ कर उसमें नकली शराब भरकर आम लोगों को महंगे दामों पर बेचकर अवैध मोटी कमाई कर रहे हैं. माफियाओं द्वारा शहर में बेची जा रही नकली व जहरीली शराब पीकर कभी भी किसी की जान जा सकती है. यह धंधा महीनों से खुलेआम चल रहा है. शराब की प्रत्येक खाली बोतल के एवज में अगर कोई व्यक्ति 5 से 20 रूपये दे रहा हो तो यह साफ है कि इसमें नकली शराब भरकर बाजार में बेचा जा रहा है. अगर इन बच्चों को प्यार से पुलिस पूछे तो यह नादान बच्चे वैसे लोगों का नाम स्वतः बता देंगे की शराब की खाली बोतल कौन-कौन खरीद रहा है. शहर के शराब के शौकीन पहले से हीं किरीबुरु-मेघाहातुबुरु क्षेत्र में नकली शराब की बिक्री बडे़ पैमाने पर किये जाने का आरोप लगाते आ रहे हैं.
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आज किरीबुरु ही नहीं बल्कि सारंडा के अन्य हिस्सों में देखा जा सकता है कि कचरों की ढेर में अपनी जिंदगी को तलाशने को विवस है गरीब और असहाय बच्चें. जेठ की तपती धरती हो या कड़ाके की पड़ रही सर्दी अथवा सावन-भादों की मुसलाधार वर्षा, ऐसे तमाम मौसमों में एक तरफ लोग एयर कंडीशन एवं अन्य सुविधाओं से युक्त अपने अपने आलीशान घरों में रहकर चाय की चुस्कियां लेते हैं तो दूसरी तरफ इससे बेखबर गरीब व अनाथ असहाय बच्चे किसी अनिष्ट की परवाह किए बगैर दो जून की रोटी की जुगाड़ में मल-मूत्र एवं विषैले कीड़े-मकोड़े से लबरेज दुर्गंधयुक्त नालियों एवं गलियों में जाकर शराब की खाली बोतलें, प्लास्टिक व अन्य समान चुनते नजर आते हैं. ताकि इसे बेचकर वह अपना पेट भर सके. इतना ही नहीं ऐसे गरीब बच्चों को होटल, मोटर गैराज आदि में काम करते या बस स्टैंड, सार्वजनिक जगहों पर भीख मांगते भी आसानी से देखा जा सकता है.
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इनकी यह उम्र शिक्षा एवं तालीम पाने की होती है. केंद्र व राज्य सरकार इन बच्चों के उत्थान के लिए कुछ प्रयास अवश्य किए हैं. सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों व अन्य विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा एंव मध्यान भोजन की व्यवस्था आदि का प्रावधान किया गया है. लेकिन सवाल यह है की सैकड़ों गरीब व अनाथ बच्चों के पास अपना रहने की व्यवस्था तक नहीं है ऐसे में वह अपना पेट भरने की दिशा में कदम बढ़ाए या फिर स्कूल की तरफ.
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किरीबुरु : सीआपीएफ ने बच्चों के बीच बांटी खेल सामग्री
Kiriburu (Shailesh Singh) : नक्सल प्रभावित सारंडा के मुर्गापाडा, किरीबुरु स्थित सीआरपीएफ में तैनात इक्को-26 बटालियन ने 3 !दिसम्बर को अपने कैंप के सामने सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत ग्रामीणों, स्कूली बच्चों एवं युवाओ के बीच समानों व खेल सामग्रियों का वितरण किया. यह वितरण कार्यक्रम कमांडेंट राजीव रंजन के नेतृत्व में तथा कंपनी कमांडर सह सहायक कमांडेंट शिबु मल्लिक एवं सहायक कमांडेंट एन. बाला मुर्गन के द्वारा किया गया. उक्त समारोह में किरीबुरु थाना प्रभारी फिलमोन लकरा भी उपस्थित थे. अपने संबोधन में कमांडेंट राजीव रंजन ने कहा कि सीआरपीएफ सारंडा के तमाम ग्रामीणों के दुख-सुख के साथ सदैव खड़ी है. हमारा काम सरकार की विकास योजनाओं को सारंडा के सुदूरवर्ती गांवों में रहने वाले अत्यंत गरीब आदिवासियों व अन्य ग्रामीणों तक सरकारी सहायता को पहुंचाना व सुरक्षा देना है.
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यही कारण है कि ग्रामीणों का विश्वास सीआरपीएफ के प्रति निरंतर बढ़ते जा रहा है. नक्सली सारंडा के गांवों का विकास होने देना नहीं चाहते हैं, लेकिन आप विकास हेतु आगे आयें एंव हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. आपको किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो तो हमें बताये, हम सीआरपीएफ के जवान आपकी सुरक्षा व क्षेत्र में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से हैं. हम आपके सबसे बेहतर मित्र व शुभचिंतक हैं.
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इस कार्यक्रम में किरीबुरु पश्चिम एवं मेघाहातुबुरु दक्षिणी पंचायत के विभिन्न गांव व टोलों के गरीबों व जरुरतमंदों को साईकल, टीना सीट, मच्छरदानी तथा गाँव के बच्चों और युवाओं को फुटबॉल, वॉलीबॉल एवं वॉलीबॉल नेट तथा क्रिकेट सेट आदि समान वितरण किया गया. इस दौरान किरीबुरु पश्चिम की मुखिया पार्वती किडो, मेघाहातुबुरु उत्तरी की मुखिया लिपी मुंडा, मेघाहातुबुरु दक्षिणी की मुखिया प्रफुल्लीत ग्लोरिया तोपनो, उप मुखिया सुमन मुंडू, पंचायत सेवक ज्योतिष लागुरी, कुमुद हेम्ब्रम, सीआपीएफ के उप निरीक्षक कृष्ण राम शकिया, सतीश कुमार, सुबोध चन्द्र दास, माणबीर सिंह, एएसआई श्यामल सिन्हा, कवि चन्द्र प्रधान, भी एस तिवारी, हवलदार अंशु लकडा़, सूरज कमल गारु, रमेश चंद्रा, कांस्टेबल सत्येन्दर कुमार पाटिल, सुखप्रीत सिंह, मिन्टु गोगोई आदि मौजूद थे.