Kiriburu (Shailesh Singh) : उत्कल प्रदेश की पौराणिक परम्परा के तहत ओड़िया समाज ने बोइता वंदना समारोह समिति के बैनर तले कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बोइता वंदना एवं भजन संध्या का आयोजन किया. 26 नवम्बर की रात्रि लोकेश्वर मंदिर प्रांगण में गायत्री भजन संध्या, जाजपुर एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति भजन संध्या का आयोजन किया गया. इस भजन संध्या का शुभारम्भ किरीबुरु के सीजीएम कमलेश राय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के सैकड़ों महिला व पुरुषों ने देर रात तक भजन का आनंद लिया. इस क्रम में महिलाओं के लिये क्विज का भी आयोजन किया गया. इसके विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. रात में समिति ने भक्तों के लिये भोज की व्यवस्था की थी.
27 नवम्बर की अहले सुबह ओड़िया समाज के लोगों ने मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद लोकेश्वर मंदिर तालाब में बोइता वंदना परम्परा के तहत नाव प्रवाहित किया. कमिटी के लोगों ने बताया कि हमारी परम्परा है कि आज ही के दिन उत्कल प्रदेश के हमारे पूर्वज समुद्री मार्गों से इंडोनेशिया, जावा, सुमात्रा, बाली जैसे बंगाल की खाड़ी के सीमाओं को साझा करने वाले दूर के द्वीप राष्ट्रों के साथ व्यापार करने के लिये नाव से गये थे.
इसे भी पढ़ें : वन पट्टा देने की रफ्तार धीमी, 31 हजार रिजेक्ट
उनके सुरक्षित वापस आने हेतु बोइता वंदना पूजा की जाती है. इसी दिन ओड़िया समाज के लोग अपने क्षेत्र के नदी, समुद्र, जलाशयों, तालाब आदि में नाव छोड़ते हैं. कार्यक्रम में सीजीएम कमलेश राय, सीजीएम एस एस साहा, महाप्रबंधक ए के पटनायक, महाप्रबंधक सुकरा हो, महाप्रबंधक एस आर स्वायं, रमेश प्रधान, दिलीप राउत राय, हेमंत बेहुरा, के पी बेहरा, हिरण्य महाराणा, मनोरंजन राणा आदि सैकड़ों उपस्थित थे.