Kiriburu (Shailesh Singh) : ग्रामीण संवेदक संघ के अध्यक्ष सुनील सिरका ने अपने सदस्यों के साथ राज्य के कैबिनेट मंत्री मिथलेश ठाकुर से मुलाकात की. सुनील ने कैबिनेट मंत्री से चाईबासा के तत्कालीन डीडीसी संदीप बक्शी के फर्जी आदिवासी बन कर नौकरी करने का विरोध जताया है. सुनील सिरका ने मंत्री को बताया कि इस मामले में छः साल पहले कास्ट स्क्रूटनी कमिटी गठित की गई थी. इस कमिटी को इस मामले की जांच कर जांच रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय में जमा करना था लेकिन रिपोर्ट अभी तक दाखिल नहीं किया गया. कमिटी लगातार कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है. सुनील सिरका बीते दिनों भी विशेष प्रमंडल के कैशियर बीटी सिंह को एसीबी के द्वारा पकड़े जाने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला में कमिशन वसूली को बढ़ावा देने के मामला में फर्जी आदिवासी, डीडीसी को दोषी ठहरा चुके हैं. सुनील सिरका डीडीसी संदीप बक्शी मामला को सरकार से एसटी होने या नहीं होने को क्लियर करने की मांग की है.
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अपनी ऊंची पहुंच के कारण अब तक नहीं जमा किया जांच रिपोर्ट
सिरका ने मंत्री को विगत तीन साल में जिन लोगों ने डीडीसी के एसटी कोटा में नौकरी करने के मामले में शिकायत की है उन सभी के पत्र की छाया प्रति सौंपी है. विदित हो कि इस मामले में मानकी मुंडा संघ, हो आदिवासी महा सभा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विपीन पूर्ति, पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, जदयू अध्यक्ष विश्राम मुंडा, आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष रामलाल मुंडा, जेएमएम के जिला सचिव सोना राम देवगम, झारखंड भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के अध्यक्ष गणेश प्रसाद ने राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर डीडीसी का एसटी का दर्जा को रद्द करने की मांग कर चुके हैं. उल्लेखनीय है कि डीडीसी के एसटी मामले में माननीय उच्च न्यायालय में चल रहे केस में नूरी कुंकल ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना किए जाने को लेकर याचिका दायर किया था, जिसपर कोर्ट ने संज्ञान लिया और छः हफ्ते में कास्ट स्क्रूटनी कमिटी से रिपोर्ट की मांग की, लेकिन डीडीसी संदीप बक्शी अपनी ऊंची पहुंच पैरवी से आज तक रिपोर्ट कोर्ट में नहीं दाखिल होने दिया.