Nehal Ahmed
Kisko/Lohardaga: जिला के किस्को प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बगड़ू के पतरातू पावर हाउस के पास बना स्वास्थ्य उप केंद्र खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. साल 2018 में 3 करोड़ की लागत से बने स्वास्थ्य उपकेंद्र का उद्घाटन तो हुआ पर उसे शुरू नहीं किया गया. अब आलम ये है कि स्वास्थ्य केंद्र अब भैंसों का आरामगाह और चारागाह बन गया है. स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में झाड़ियां उग गयी हैं. साथ ही स्वास्थ्य केंद्र के दरवाजे और खिड़कियां चोर ले उड़े. बता दें कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बनने से किस्को प्रखंड के हिसरी,बगड़ू और पेशरार क्षेत्र के दर्जनों गांव को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकती थी, परंतु संचालन के अभाव में खंडहर में तब्दील उपकेंद्र ग्रामीणों को छोड़ ठेकेदारों की आमदनी के लिए निर्माण किया गया. यहां के लोग आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण इधर-उधर भटकने को विवश हैं. फिर भी उपकेंद्र का संचालन को लेकर प्रशासन निष्क्रिय है.
ग्रामीणों का कहना है कि उपकेंद्र निर्माण के वक्त ग्रामीणों में खुशी थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है. उक्त भवन का हैंडओवर तो कर दिया गया, परंतु कभी भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिला. गौरतलब है कि किस्को प्रखंड अंतर्गत ग्राम पतरातू के अलावा मेरले,चरहु,कसियाडीह व अन्य जगहों पर भी बनाए गए स्वास्थ्य उपकेंद्र देख-रेख के अभाव में खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. विभाग द्वारा बड़े-बड़े भवन तो बना दिया गये है, परंतु देख-रेख के अभाव में सभी भवन खंडहर में तब्दील हो गये हैं. ऐसे में भवन निर्माण कर सिर्फ और सिर्फ सरकारी राशि का बंदरबांट हो रहा है.
इसे भी पढ़ें –यूपी : तुम बस्ती उजाड़ दोगे…बुलडोजर आया, तो नहर में घुसेड़ देंगे…अवैध बस्ती को नोटिस पर भाजपा विधायक ने अधिकारी को फटकारा…
मेरले में 14 साल पूर्व बना उप स्वास्थ्य केन्द्र भी खंडहर में तब्दील
किस्को प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत हिसरी पंचायत के ग्राम मेरले में लगभग 26 लाख की लागत से 14 वर्ष पूर्व स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कार्य कराया गया था. जो उद्घाटन के बाद एक माह भी सही तरीके से उपयोग नहीं हुआ. नया भवन बगैर उपयोग के खंडहर में तब्दील हो गया. खिड़की दरवाजे चोर उखाड़ ले गये. लोग स्वास्थ्य उपकेंद्र का उपयोग मवेशी बांधने के लिए कर रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये स्वास्थ्य उपकेंद्र उपयोग के अभाव में खंडहर में तब्दील हो गया, लेकिन उक्त स्थान से लगभग 100 मीटर की दूरी पर फिर से एक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण करा दिया गया. इसपर ग्रामीणों का कहना है कि पहले से निर्मित भवन जैसे खंडहर हो गया,उसी प्रकार नया भवन का निर्माण भी सिर्फ सरकारी राशि के दुरूपयोग के लिए हुआ है. क्योंकि सुनसान स्थान पर उपकेंद्र निर्मित होने का वजह से लोग नहीं आ पाते हैं.
मामले पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ओड़ेया का कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन में थोड़ी परेशानी हो रही है. कहा कि उद्घाटन के बाद जरूरत के हिसाब से स्टाफ उपलब्ध नहीं हो पाये हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो रही है.
इसे भी पढ़ें –कोचिंग सेंटर हादसा : दिल्ली के LG ने रिपोर्ट मांगी, राहुल गांधी ने कहा, यह सिस्टम की असफलता है
Leave a Reply