Ranchi : झारखंड पुलिस के लिए 46 मोस्ट वांटेड नक्सली चुनौती बने हुए हैं. इन मोस्ट वांटेड नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस लगातार अभियान चला रही है. 46 मोस्ट वांटेड नक्सलियों में चार नक्सली पर एक करोड़ ईनाम है. सात नक्सली 25 लाख ईनामी, 16 नक्सली 15 लाख ईनामी है और 19 नक्सली 10 लाख ईनामी है. ये सभी 46 मोस्ट वांटेड नक्सली झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. और समय-समय पर वारदात को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा रहे हैं.
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46 मोस्ट वांटेड नक्सली जो बने है चुनौती
एक करोड़ ईनामी प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा ,असीम मंडल और अनल दा उर्फ तूफान, 25 लाख ईनामी नक्सलियों में चमन उर्फ लंबू, लालचन्द्र हेंब्रम, रघुनाथ हेंब्रम, अजीत उरांव, संजीत यादव ,अजय महतो, दिनेश गोप, वहां 15 लाख ईनामी नक्सलियों में मोछू उर्फ मेहनत, संजय महतो, बुद्धेश्वर उरांव, नवीन उर्फ सर्वजीत यादव, छोटू खेरवार, मार्टिन केरकेट्टा, रमेश गंझू आक्रमण गंझू , अविनाश मांझी, पिंटू राणा, मुराद जी उर्फ गुरुजी, रामप्रसाद मार्डी, नितेश यादव रविंद्र गंझू, अमित मुंडा और बेला सरकार. 10 लाख ईनामी नक्सलियों में सुरेश सिंह मुंडा, तिलकेश्वर गोप, आरिफ उर्फ शशिकांत, रामदयाल महतो मृत्युंजय जी, बलराम उरांव, कंचन तुरी, दीपक यादव, मुनेश्वर गंझू, महाराजा प्रमाणिक, जीवन कंडूलना, अरविंद भुइयां, पप्पू लोहरा, मनोहर गंझू, नीरज सिंह खेरवार, भीखन गंझू , साहिबराम मांझी, विवेक यादव और सनीचर सुरीन शामिल है.
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देश के 30 नक्सल प्रभावित जिलों में 13 जिले झारखंड के
झारखंड में भले नक्सली कमजोर पड़ गए हैं और झारखंड पुलिस लगातार नक्सलियों के खात्मे की अभियान चला रही है. इसके बावजूद भी देश के 30 नक्सल प्रभावित जिलों में 13 जिले झारखंड के हैं, जो सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में हैं. सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिले के मामले में झारखंड पहले स्थान पर है, तो छत्तीसगढ़ के 8 जिले सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों के साथ दूसरे स्थान पर है. झारखंड के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में खूंटी, गुमला, लातेहार, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, रांची, दुमका, पलामू, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा, बोकारो और सरायकेला हैं.
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कई दशकों से जारी है नक्सल हिंसा
झारखंड में नक्सलवाद के अंतर्गत आने वाले जिले में हिंसा पिछले कई दशकों से जारी है. राज्य के 13 जिलों को प्रभावित करने वाला नक्सलियों का यह इलाका आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इन इलाकों में नक्सली अपहरण, फिरौती, डकैती, बम विस्फोट,निर्ममता से हत्याएं, अवैध वसूली, विकास को बाधित करने की कोशिशें कर रहे हैं.
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झारखंड के इन जिलों में है सक्रिय माओवादियों का दस्ता
गढ़वा, लातेहार व गुमला के सीमावर्ती क्षेत्र में विमल यादव और बुद्धेश्वर उरांव का दस्ता सक्रिय है. चाईबासा के सरायकेला, छोटानागपुर और गोयलकेरा में माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ के इनामी किशन दा उर्फ प्रशांत बोस, महाराजा प्रमाणिक, अनमोल उर्फ समर जी, मेहनत उर्फ मोछू, चमन उर्फ लंबू, सुरेश मुंडा व जीवन कंडुलना का दस्ता सक्रिय है. गिरिडीह-जमुई और कोडरमा-नवादा बॉर्डर पर सैक सदस्य करुणा, पिंटू राणा का दस्ता सक्रिय है. हजारीबाग-चतरा-गया बॉर्डर पर माओवादी रिजनल कमेटी सदस्य इंदल गंझू दस्ता सक्रिय है. बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल के नक्सल प्रभावित चतरोचट्टी और जगेश्वर बिहार थाना के जंगली क्षेत्र में एक करोड़ का इनामी माओवादी नेता मिथिलेश सिंह दस्ता सक्रिय है.
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