LagatarDesk: कोरोना के कारण भारत आर्थिक मंदी के दौर से गुजरा. मंदी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने जा रही है. इस बार का आम बजट सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा. महामारी में केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया वित्तीय संकट से जूझ रही है. लाखों लोगों के वेतन में कटौती की गयी, हजारों नौकरियां चली गयीं और व्यापार में कितनों का भारी नुकसान हो गया. इन सारे कारणों से लोगों की आय में भारी कमी आ गयी है. ऐसे में सभी लोग वित्त मंत्री से उम्मीद कर रहे हैं कि वे इनकम टैक्स और अन्य करों में कुछ कटौती करें. ऐसा अनुमान है कि वित्त मंत्री इस बार टैक्स स्लैब में कुछ बड़े बदलावों की घोषणा कर सकती हैं.
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व्यक्तिगत कर और सेक्शन 80C के तहत छूट
व्यक्तिगत कर के बोझ को कम करने के लिए कर विशेषज्ञों ने कई सुझाव दिये हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य व्यक्ति के लिए कर छूट की सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर देना चाहिए. सीनियर सीटीजन के लिए कर की छूट को 3 से 6 लाख कर देना चाहिए. साथ ही सुपर सीनियर सीटीजन के लिए 5 से 8 लाख तक कर देना चाहिए. बजट से लोगों को कई उम्मीदें है.
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छूट की सीमा में संशोधन आवश्यक
कर की छूट की सीमा में संशोधन करना बहुत जरूरी है. क्योंकि कोरोना के कारण लोगों की आय घटी है. टैक्स बढ़ाने से आम आदमी पर और बोझ पड़ेगा. उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री नये और पुराने टैक्स स्लैब को बढ़ा सकती हैं. इसके साथ ही आम आदमी ये भी उम्मीद कर रहा है कि सरकार सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 से बढ़ा कर 3 लाख तक कर दे.
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बीमा संरक्षण और प्रोत्साहन देने की जरुरत
बजाज कैपिटल के एमडी संजीव बजाज के अनुसार, आम आदमी की उम्मीद है कि सेक्शन 80C में कर की छूट को 1.5 से बढ़ा कर 3 लाख कर दिया जाये. लंबे समय के लक्ष्यों और टैक्स बचाने के लिए यह बेहद जरुरी है. साथ ही सरकार को बीमा के लिए भी अलग से सीमा तय करनी चाहिए, ताकि जरुरत के समय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. सरकार को लोगों को बीमा संरक्षण और प्रोत्साहन देने की भी जरुरत है.
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निवेश करने और अधिक बचत करने में मिलेगी मदद
एक्सपर्ट का मानना है कि 80C में सरकार पर्याप्त छूट नहीं दे रही है. इसलिए वित्त मंत्री के पास 80C के तहत कर छूट की सीमा को बढ़ाने का यह सही समय है. इससे टैक्सपेयर्स को PPF, NSC, NPS, ELSS, Bank FDs जैसे विकल्पों में निवेश करने और अधिक बचत करने में मदद मिलेगी.
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टैक्स बचत में होम लोन के लिए नया सेक्शन
टैक्स अधिनियम के तहत सरकार को होम लोन के लिए अलग से नये नियम लाना चाहिए, ताकि आम आदमी को होम लोन में 5 लाख तक की कर छूट का लाभ मिल सके. इससे लोगों को टैक्स में बचत का लाभ मिल सकेगा. होम लोन में कर की कटौती से नया घर खरीदने वालों को फायदा मिलेगा. शहरी क्षेत्रों में घर खरीदने में बहुत पैसा लगता है. इसके लिए आम आदमी को ज्यादा होम लोन लेना पड़ता है.
इससे उनपर वित्तीय भार बढ़ जाता है, साथ ही यह उनकी बचत को भी घटा देता है. क्योंकि लोन का पैसा चुकाने में ही आदमी की सारी आमदनी चली जाती है. वर्तमान में 80C, 24B,80EE और 80EEA के तहत लोगों को होम लोन में छूट मिलती है.
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हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम
वैश्विक महामारी के कारण सभी लोग वित्तीय और स्वास्थय संबंधी संकटों से जूझ रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग भी हो गये है. भारत में हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम की मांग काफी बढ़ गयी है. लोग अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस लेकर खुद को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे भारत में बीमा पॉलिसीधारकों का संख्या में काफी वृद्धि भी हुई है.
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80D में 1 लाख तक ले सकते हैं क्लेम
सेक्शन 80D की मदद से कोई भी पॉलिसीधारक स्वास्थय बीमा प्रीमियम पर 1 लाख तक का क्लेम ले सकता है. 1 लाख का क्लेम आप तब ले सकते हैं, जब आप बीमा अपने पूरे फैमली के लिए लेते हैं.
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प्रोत्साहन के लिए नया खंड लाना जरूरी
अधिक से अधिक लोगों को बीमा से प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को टर्म इंश्योरेंस के लिए एक नया खंड लाना चाहिए. आम बजट से लोग ये उम्मीद कर रहे हैं कि टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम में अलग से 25000 रुपये का डिडक्शन मिलना चाहिए. 80C के तहत 1.5 लाख की छूट एक आम लोगों के लिए प्रर्याप्त नहीं है. खास तौर पर व्यय, आश्रित और फाइनेंशियल करदाताओं के लिए. शेट्टी ने कहा कि ये एक अच्छा कदम होगा यदि सरकार हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को 80C से हटाकर एक नया सेक्शन बना दे.
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बेसिक नीड और फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए जरूरी
टर्म इंश्योरेंस लोगों की मूलभूत जरूरतों और फाइनेंशियल प्लानिंग दोनों के लिए जरूरी है. यदि सरकार टर्म इंश्योरेंस में अलग से छूट देती है तो अधिक से अधिक लोग इसे लेंगे. क्योंकि यह अपर्याप्त जीवन सुरक्षा प्रदान करता है.
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बजट में सरकार से कुछ अन्य उम्मीदें
- सरकार ने 2020 के वित्तीय संकट में कई नीतियों और पैकेजों का भी ऐलान किया था. अगामी बजट में सरकार अंतरिम बजट पर ध्यान केंद्रित कर सकती है. साथ ही अनुमानित बजट घाटे के लिए कंपनियों पर उपकर लगा सकती है.
- कोरोना के बाद घर से काम करना भी एक सामान्य स्थिति होगी. कई कंपनियां पिछले एक साल से वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी लेकर आयी हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को इन कर्मचारियों के लिए भी उनके वेतन और Extra Allowance की सुविधा भी शुरू करनी चाहिए.
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